आमतौर पर टूटे कांच के टुकड़ों के पास जाने में किसी को भी भय लगता है और यह डर लम्बे समय तक व्यक्ति के दिलो दिमाग में छाया रहता है मन में बेस डर को दूर करने के लिए लोग साहसिक खेलों का सहारा भी लेते हैं।
ऐसे ही एक अनूठे साहसिक काम को अंजाम दिया है एग्जीक्यूटिव कोच और प्रेरक स्पीकर डॉ राजेश मोहन राय ने जिन्होंने कांच के टुकड़ों पर नंगे पाँव पैदल चलने के सत्र का आयोजन किया।
डॉ राय ने राजधानी के अलीपुर में इस सत्र का आयोजन किया जिसमें जमीन पर बिछाए गए कांच के टुकड़ों पर करीब 30 लोग चले जिनमें एक महिला कर्मी, एक युवा निदेशक और कंपनी के चेयरमैन भी शामिल थे।
डॉ राय ने इस अनूठे और जोखिम भरे सत्र के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा,”बचपन से ही लोग कांच के टूटे टुकड़ों के पास जाने से घबराते हैं और ऐसे सत्र से लोगों के दिलों में बसा डर दूर करने में मदद मिलती है।
“डॉ राय ने इसके बाद एक प्रेरक लेक्चर दिया जिसका लक्ष्य आदमी के अंदर छुपे डर को कम करना था और कांच के टुकड़ों पर चलना ऐसा ही एक प्रयास था।न्होंने जोर देकर कहा कि लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं यदि वे अपने अंदर छुपे अनजान डर को काबू कर लें क्योंकि ऐसे डर सही दिशा में चलने के बावजूद व्यक्ति को पथ से भटका देते हैं।