अजय नैथानी
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्लूटीसी) 2019-21 का फाइनल होगा भारत और न्यूजीलैंड के लिए सबसे कड़ा इम्तिहान
पहली डब्लूटीसी का खिताबी मुकाबला 18 से 22 जून 2021 तक इंग्लैंड के द रोज बाउल, साउथैम्पटन मैदान पर खेला जाएगा
क्रिकेट की सबसे कड़ी प्रतिस्पर्धा आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप 2019-21 अब भारत और न्यूजीलैंड का सबसे कड़ा इम्तिहान लेने जा रही है, खासतौर पर टीम इंडिया के बल्लेबाजों का। क्योंकि इंग्लैंड की परिस्थितियां हमेशा से ही स्विंग गेंदबाजों के लिए माकूल रही हैं और इस निर्णायक टेस्ट मुकाबले में भी गेंदबाजों की हवा में लहराती गेंदों का कमाल देखने को मिलेगा।
स्विंग गेंदबाजी हमेशा से ही भारत की कमजोरी रही है और टीम इंडिया के बल्लेबाज हवा में लहराती गेंदों पर अकसर गच्चा खाते रहे हैं। इसके विपरीत किवी बल्लेबाज स्विंग गेंदबाजी को बेहतर ढंग से खेलते हैं क्योंकि उनके घरेलू हालात इंग्लैंड की परिस्थितियों से मेल खाते हैं।
तमाम खामियों और खूबियों के बीच दोनों टीमें पहली वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्लूटीसी) के फाइनल मैच में उतरने के लिए कमर कस चुकी हैं, जो कि 18 से 22 जून 2021 तक इंग्लैंड के द रोज बाउल, साउथैम्पटन मैदान पर खेला जाएगा।
कैसी होगी फाइनल टेस्ट के दौरान प्लेइंग कंडीशन
जहां डब्लूटीसी का फाइनल द रोज बाउल की पिच पर खेला जाने वाला है जो कि टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजों, खासतौर पर स्विंग बॉलरों के माकूल के लिए होती है, साथ ही स्पिनरों को भी इस पिच पर गेंदबाजी करने में मजा आता है।
लिहाजा भारत और न्यूजीलैंड दोनों को हालात को ध्यान में रखते हुए टीमें तैयार करनी होगी। जहां भारत के पास स्तरीय स्पिनर हैं, वहीं न्यूजीलैंड को मजबूती उसके स्विंग गेंदबाज देते हैं।
अगर टेस्ट के दौरान बादल छाए रहेंगे तो गेंदबाजों को पिच और मैदान के हालात से ज्यादा मदद मिलेगी। इस तरह गेंदबाजों को यहां की पिच से ज्यादातर मदद मिलती है। टेस्ट के पहले दिनों में इस पिच पर बल्लेबाजी करना थोड़ा आसान होता है।
पिच पहली पारी में बल्लेबाजों के लिए एक स्वर्ग है। इसलिए जो भी कप्तान टॉस जीतेगा, संभावना है कि वो पहले बैटिंग का फैसला करेगा। क्योंकि द रोज बाउल में टॉस जीतने वाली टीम आमतौर पर स्कोरबोर्ड में विशाल स्कोर बनाने के लिए पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करती है।
फाइनल के दौरान दोनों ही टीमें आखिरी दिनों में बैटिंग करने से बचना चाहेंगी, क्योंकि पिच तेज गेंदबाजों को अधिक मदद प्रदान करने लगती है और उन्हें पिच से अधिक स्विंग और उछाल मिलता है। स्पिन गेंदबाजों को अच्छा टर्न और उछाल भी मिलता है और टेस्ट मैच के चौथे और पांचवें दिन स्पिन आक्रमण बहुत खतरनाक होता है।
जैसा कि आप जानते हैं कि यहां पर सभी खेले गए टेस्ट मैचों के दौरान औसत स्कोर मैच पहली पारी में 300 रन, दूसरी पारी में 324 रन, तीसरी पारी में 280 रन और चौथी पारी में 187 रन रहा है। इस तरह हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि पहली और दूसरी पारी में तुलनात्मक रूप से उच्च औसत स्कोर है और प्रत्येक बाद की पारी के साथ, औसत स्कोर बिगड़ता है।
जाहिर है कि बल्लेबाजों के लिए पहली दो पारियों में रन बनाना आसान होता है क्योंकि इसमें स्विंग कम होती है। सूखी पिच और सपाट विकेट इन डेक पर गेंदबाजी करते समय स्पिन गेंदबाजों को सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं।
स्विंग रही है भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी
टीम इंडिया पहली बारी में फाइनल मैच खेलने वाली है, जिसकी कप्तानी विराट कोहली कर रहे हैं। इस टीम में चेतेश्वर पुजारा, उप-कप्तान अजिंक्या रहाणे, रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, मंयक अग्रवाल, ऋषभ पंत, रविंद्र जडेजा, ऋद्धिमान साहा और खुद कप्तान कोहली जैसे धाकड़ बल्लेबाज हैं, जो कागजों में बहुत मजबूत नजर आते हैं।
ये सभी भारतीय उपमहाद्वीप की माकूल परिस्थियों में भरपूर रन बटोरते नजर आते हैं लेकिन इनमें से ज्यादातक बल्लेबाजों की कमजोरी स्विंग गेंदबाजी को आत्मविश्वास के साथ खेलना रही है। इसलिए इंग्लैंड की स्विंगिंग कंडीशन में ज्यादातर भारतीय बल्लेबाज लड़खड़ाते हैं। लिहाजा फाइनल मैच विराट एंड कंपनी के लिए परीक्षा होगा।
इस मामले में न्यूजीलैंड के बल्लेबाज बेहतर हैं स्विंग गेंदबाजी का सामना करने में न्यूजीलैंड के बल्लेबाज बेहतर नजर आते हैं, क्योंकि उनके घरेलू हालात लगभग इंग्लैंड जैसे हैं। न्यूजीलैंड में गेंद बहुत स्विंग लेती हैं इसीलिए वहां पर एक सामान्य मीडियम पेसर भी बहुत घातक साबित होता है।
इस समय न्यूजीलैंड के पास कप्तान केन विलियसन, अनुभवी रॉज टेलर, टॉम लाथम, टॉम ब्लन्डेल, हेनरी निकोलस, ब्रेडली-जॉन वाटलिंग जैसे बल्लेबाज हैं। ये सभी स्विंग गेंदबाजी खेलने के आदि हैं क्योंकि ये घरेलू क्रिकेट में गेंदबाजों के माकूल पिच और हालात में जूझते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे हैं।
द रॉज बाउल, साउथैम्पटन मैदान पर टीम इंडिया का खराब रिकॉर्ड साउथैम्पटन के मैदान द रॉज बाउल में परिणाम भारतीय टीम के पक्ष में कभी नहीं रहे। इस मैदान पर टीम इंडिया ने अब तक दो टेस्ट मैच खेले हैं और उसे दोनों में ही इंग्लैंड से हार मिली। मेजबान इंग्लैंड ने उसे 2014 में 266 रनों और साल 2018 में 60 रनों के अंतर से हराया था।
इस मैदान पर कप्तान विराट कोहली ने दो टेस्ट मैचों में एक अर्धशतक के साथ 171 रन बनाए है, जो भारतीय बल्लेबाजों में सबसे ज्यादा है। रहाणे ने दो टेस्ट में तीन अर्धशतक लगाते हुए 168 रन बनाए हैं जबकि टेस्ट विशेषज्ञ पुजारा ने दो भी दो मैच खेलकर 163 रन बटोरे हैं। वह इस मैदान पर शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं।