अजय नैथानी
ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा है। कोविड काल के बीच खेली गए टेस्ट सीरीज में भारतीय क्रिकेट टीम न सिर्फ अपने बेहद मजबूत प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया का डटकर सामना करती नजर आई, बल्कि अपने प्रमुख खिलाड़ियों की चोटों से भी से बखूबी जूझती रही।
लेकिन एक ईकाई के रूप में खेलते हुए टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त देकर वो कारनामा कर डाला, जिसकी कल्पना कंगारूओं ने कभी भी नहीं की थी। “घायल” भारतीय टीम की इस जीत ने बड़े-बड़े क्रिकेट पंडितों को चौंका दिया है।
लम्बे समय तक याद रखी जाने वाली इस जीत में जहां सीनियर खिलाड़ियों ने अपनी भूमिका ढंग से निभाई। वहीं युवा रणबांकुरों ने हर उस अवसर को भुनाया, जो उनको मिला। मतलब यह है कि भारत की यादगार जीत में टीम की यंग ब्रिगेड का योगदान अतुलनीय रहा है क्योंकि उन्होंने अपने जुझारू प्रदर्शन से टीम को विपरीत परिस्थितियों से निकाल करके विजेता बनाया।
मैच विजेता- रिषभ पंत
विकेटकीपर-बल्लेबाज रिषभ पंत दौरे के अंतिम व चौथे टेस्ट में भारत की जीत में मैच विजेता साबित हुए। वह सिडनी में पिछले मैच के दौरान दो बार चोटिल भी हुए, लेकिन गाबा के मैदान पर उन्होंने जुझारूपन दिखाया और 89 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई। उन्होंने तीन टेस्ट में 274 रन बनाए, जो कि सीरीज में तीसरे टॉप स्कोरर और भारतीयो में नंबर वन है। 23 वर्षीय रिषभ ने दो अर्धशतक ( सिडनी में 97 और गाबा में 89 नाबाद) ठोके। इसके अलावा विकेट के पीछे आठ कैच लपके।
भविष्य का ओपनर–शुभमन गिल
21 वर्षीय शुमभन गिल ने इस टेस्ट सीरीज में खुद को भविष्य का ओपनिंग बल्लेबाज साबित किया। उन्होंने गाबा में ऐतिहासिक जीत में 91 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। उन्होंने तीन टेस्ट में 259 रन बनाए, जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं।
वाशिंगटन सुंदर ने ऑल-राउंड क्षमता दिखाई
वाशिंगटन सुंदर के लिए टेस्ट पदार्पण शानदार रहा। 21 वर्षीय ऑल-राउंडर ने गाबा में उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए 62 और 22 रनों की पारियां खेली। उन्हों अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी से इस मैच चार विकेट भी चटकाए। उन्होंने तीन टी-20 मैचों में दो विकेट और 14 रन भी बनाए।
मिले मौके को भुनाने वाले शार्दुल
शार्दुल ठाकुर के लिए भी गाबा टेस्ट यादगार रहा। 29 वर्षीय मीडियम पेसर ने अपने पदार्पण टेस्ट में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। शार्दुल ने इस मैच में बल्ले योगदान करते हुए सर्वाधिक स्कोर 67 रन बनाए। गेंदबाजी का अद्भुत नजारा पेश करते हुए इस मैच में कुल सात विकेट चटकाए। उनका पारी में बेस्ट 4/61 रहा। इसके अलावा उन्होंने दो टी-20 मैचों में दो विकेट और एक वनडे मैच में तीन विकेट चटकाए।
एक सीरीज में तीनों फॉर्मेट में पदार्पण करने वाले नटराजन
लेफ्ट आर्म मीडियम पेसर टी. नटराजन के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा सपनों के हकीकत में तब्दील होने जैसा रहा। 27 वर्षीय नटराजन को तीनों फॉर्मेट में डेब्यू करने का अवसर मिला और साथ ही मिले मौके को शानदार ढंग से भुनाया। उन्होंने अपने एकमात्र टेस्ट में तीन विकेट, तीन टी20 मैचों में छह विकेट और एकमात्र वनडे में दो विकेट चटकाए।
जुझारूपन दिखाया नवदीप ने
युवा गेंदबाज नवदीप सैनी ने भी सीरीज में प्रभावित किया। उन्होंने अंतिम टेस्ट में ग्रोइन इंजुरी के बावजूद खेलते रहने की हिम्मत दिखाई। 28 वर्षीय पेसर ने दो टेस्ट में पांच विकेट औऱ दो वनडे में एक विकेट हासिल किया।
भारत के प्रमुख गेंदबाजों की कतार में आए सिराज
मीडियम पेसर मोहम्मद सिराज को भी ऑस्ट्रेलिया दौरे में टेस्ट पदार्पण करने का अवसर मिला और खुद को भविष्य का मुख्य गेंदबाज साबित किया। 26वर्षीय मीडियम पेसर ने सीरीज में खेले अपने तीन टेस्ट में 13 विकेट हासिल किए। वह सीरीज में तीसरे टॉप विकेट-टेकर और भारतीयों में नंबर वन रहे। इस दौरान गाबा में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के दौरान अपना बेस्ट 5/73 प्रदर्शन किया।
संकटमोचक हनुमा
मध्यक्रम के बल्लेबाज हनुमा विहारी के लिए यह सीरीज बहुत अच्छी नहीं रही है। लेकिन उन्होंने सिडनी टेस्ट में हनुमा विहारी 23 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारतीय टीम को हार से बचाया और मैच ड्रा कराया।