October 12, 2025

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अभिनव बिंद्रा से मुलाकात है शांभवी का सपना

  • हाल में संपन्न आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप नई दिल्ली 2025 में सिल्वर व ब्रॉन्ज जीते हैं

अजय नैथानी

आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप नई दिल्ली 2025 में दो पदक जीतने वाली शांभवी एस. क्षीरसागर ओलम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा से प्रेरित हैं। पुणे की युवा प्रतिभा अपने घरेलू मैदान डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में संपन्न हुए जूनियर वर्ल्ड कप में रजत और कांस्य पदक जीतकर अपने प्रेरणास्रोत के नक्शेकदम पर चल पड़ी है। पुणे के फर्गुसन इंटर कॉलेज 12वीं क्लास छात्रा ने इस चैंपियनशिप के पांचवें दिन सोमवार को 229.4 अंक लेकर 10 मीटर एयर राइफल जूनियर वूमंस स्पर्धा का कांस्य पदक जीतकर ऑल इंडियन पोडियम फिनिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंगलवार को छठे दिन उन्होंने नरेन प्रणव वनिथ के साथ 10 मीटर राइफल मिक्स्ड शूटिंग स्पर्धा का सिल्वर मेडल जीता। पिछले साल जर्मनी के सुहल वर्ल्ड कप में 10 मीटर एयर राइफल जूनियर वूमंस स्पर्धा का गोल्ड जीतने वाली शांभवी ने शूटिंग अपनाने और इस खेल में अब तक की अपनी यात्रा और हालिया कामयाबी को लेकर चर्चा की।

  • इयरबड्स नहीं पहनने से दबाव में आई

   वर्ल्ड कप के दौरान अपने अनुभव के बारे में शांभवी ने बताया कि जूनियर 10 मीटर महिला राइफल शूटिंग स्पर्धा में इयरबड्स नहीं पहनने का खामियाजा गोल्ड मेडल हाथ से फिसल जाने के रूप में उठाना पड़ा। उन्होंने कहा, “सोमवार को जूनियर 10 मीटर राइफल शूटिंग स्पर्धा से ठीक पहले मैं अपने इयरबड्स सही समय पर नहीं पहन पाई, क्योंकि वो पैंट की जेब में रह गए थे। लिहाजा, स्पर्धा के दौरान मुझे बाहर का शोर सुनाई दे रहा था। जब-जब ओजस्वी ठाकुर शॉट लगा रही थी, तो उसके बाद दर्शकों की खूब वाहवाही हो रही तालियां बज रही थी, जिससे मुझे दबाव महसूस हो रहा था और उसका असर मेरी निशानेबाजी पर भी पड़ रहा था। संभवत: बाहरी शोर से मैं प्रेशर में आ गई और संभावित गोल्ड मेडल हाथ से निकल गया और मुझे ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा।”

   लेकिन शांभवी मंगलवार को 10 मीटर राइफल मिक्स्ड शूटिंग स्पर्धा में नरेन प्रणव वनिथ के साथ उतरी थीं और इस बार इयरबड्स पहनना नहीं भूलीं। हाई स्कोरिंग रोमांचक फाइनल के बाद सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब हुईं। इस प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, “आज का फाइनल काफी हाई स्कोरिंग रहा, जिसमें मैंने दो परफेक्ट 10.9 शॉट लगाने के अलावा दो 10.8 और दो 10.7 के शॉट लगाए। लेकिन इस चैंपियनशिप में सीखने को मिला और आगे सुधार करेंगे।”

  • अभिनव बिंद्रा जी से प्रेरित होकर शूटिंग शुरू की और राइफल पकड़ी

   अभिनव बिंद्रा की 2008 की बीजिंग ओलम्पिक में स्वर्णिम सफलता से हजारों-लाखों भारतीयों की तरह युवा प्रतिभाशाली राइफल शूटर शंभवी एस. क्षीरसागर भी प्रेरित हुई हैं और उन्होंने भी राइफल शूटिंग का दामन थामा। अब तक की अपनी शूटिंग यात्रा को लेकर उन्होंने कहा, “शूटिंग अपनाने से पहले मैंने कराटे, डांसिंग और एबेकस पर हाथ आजमाया लेकिन जब मैं छठवीं क्लास में पढ़ रही थी, तब हमें खेल हस्तियों के बारे में पढ़ने के लिए आर्टिकल मिले थे। उस आर्टिकल में मैंने अभिनव बिंद्रा जी की स्ट्रगल के बारे में पढ़ा और उन्होंने कैसे ओलम्पिक गोल्ड जीता। तब मुझे उनकी उपलब्धियों का पता चला, जिनसे मैं प्रभावित हुई।”

   उन्होंने आगे कहा, “मैं राइफल पकड़ी थी क्योंकि अभिनव जी राइफल शूटिंग किया करते थे। अब मैं अभिनव बिंद्रा जी से मिलना चाहती हूं। उनके साथ मुलाकात में मैं बोलूंगी कि आप मेरे आइडियल हो। आपको देखकर मैंने शूटिंग शुरू किया है और राइफल भी आपको देखकर भी पकड़ी है।”

  • भविष्य में थ्री पोजीशन खेलने की योजना

   शांभवी की योजना भविष्य में थ्री पोजीशन राइफल शूटिंग में जाने की है लेकिन इस ओलम्पिक साइकिल तक वह केवल 10 मीटर महिला राइफल शूटिंग पर ध्यान केंद्रित करेंगी। खाली समय में क्रोशिया और पेंटिंग करने वाली शांभवी बताती है, “मैं भविष्य में थ्री पोजीशन शूटिंग करने की सोच तो रही हूं। लेकिन फिलहाल ओलंपिक साइकिल तक राइफल शूटिंग ही करूंगी।”

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