June 16, 2025

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महिला फुटबॉल: फिर बांग्लादेश भारी!

राजेंद्र सजवान  

कुछ दिन पहले खेले गए अंडर-19 महिला सैफ कप में भारतीय टीम मेजबान बांग्लादेश से सिक्के के उछाल पर खिताब जीत तो गई लेकिन लीग मुकाबले में हारने के बाद जब एक बार फिर इन दोनों टीमों का आमना-सामना हुआ तो खिताबी मुकाबला बराबर रहा। देखा जाए तो चैम्पियन कहलाने की हकदार बांग्लादेश थी। अंडर-16 में बांग्लादेश भारतीय लड़कियों पर भारी पड़ा और बड़बोली भारतीय फुटबॉल को एक बार फिर नीचा देखना पड़ा है। फिलहाल फाइनल बाकी है लेकिन अंडर-19 में मचे बवाल के बाद बांग्लादेश के हौसले बुलंद हैं।

   बांग्लादेश फुटबॉल प्रेमी हर हाल में जीतना चाहते थे लेकिन निर्धारित समय 1-1 की बराबरी और फिर टाई-ब्रेकर में 11-11 का स्कोर उन्हें रास नहीं आया। अपनी मेजबानी वे हारना नहीं चाहते थे। लेकिन दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किए जाने पर मेजबान दर्शक बौखला गए तो भारतीय खेमे में उत्साह और उन्माद का माहौल देखने को मिला। अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) को लगता है कि इस परिणाम उसके ताज में जैसे कोई कोहिनूर जड़ गया हो। लेकिन देशभर के फुटबॉल प्रेमियों की प्रतिक्रिया ना सिर्फ गुस्से वाली है बल्कि बहुत से लोग भद्दी गालियां भी दे रहे हैं।

   भारतीय फुटबॉल के कुल प्रदर्शन पर नजर डालें, तो पुरुष और महिला दोनों वर्गों लज्जित होना पड़ रहा है। पुरुषों की रैंकिंग गिर रही है और एशिया में टॉप देशों से ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, अफगानिस्तान से भी पिट जाते हैं। आयु वर्ग में महिला खिलाड़ियों का प्रदर्शन देश के फुटबॉल प्रेमियों की भावना ठेस पहुंचा रहा है। फिलहाल कुछ प्रतिक्रियाओं पर गौर करें – “हम ऐसी 100 ट्रॉफियां जीत सकते हैं, जिनसे फुटबॉल का भला नहीं होने वाला”… “सैफ कप को एआईएफएफ ऑफिस में डस्टबिन की तरह इस्तेमाल करें, अच्छा सकून मिलेगा”… “कोच को तुरंत बाहर का रास्ता दिखाया जाए, क्योंकि बांग्लादेश से भी नहीं जीत पाए”… “यह टूर्नामेंट नहीं, मजाक है”… “बकवास टूर्नामेंट बंद कर दिया जाना चाहिए”… “परिणाम बताता है कि हम एशियाई फुटबॉल में फिसड्डी क्यों हैं और दम विश्व कप खेलने का भरते हैं”…

   कुछ भारतीय फुटबॉल प्रेमियों के अनुसार, भारतीय टीम की खिलाड़ियों की उम्र की जांच जरूर की जानी चाहिए। कारण, आयु वर्ग में महिला और पुरुष वर्ग में उम्र की धोखाधड़ी हमारा चरित्र बन गया है। यह भी कहा जा रहा है कि भारतीय दल में कितनी खिलाड़ी सिफरिशी थी, जांच का विषय है।

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