एनटीपीसी नेशनल रैंकिंग तीरंदाजी के फाइनल राउंड की मेजबान करेगी दिल्ली, 50 लाख दांव पर

देश के 96 नामी तीरंदाज 10 से 12 फरवरी 2023 तक डीडीए यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, सूरजमल विहार में होने वाली एनआरएटी सीरीज-2022 के फाइनल राउंड में शिकरत करेंगे
प्रत्येक वर्ग में देश के शीर्ष आठ तीरंदाज टारगेट पर निशाना साधेंगे
फाइनल राउंड की कुल इनामी राशि 50 लाख रुपये को विजेता से लेकर सभी प्रतिस्पर्धियों के बीच बांटा जाएगा
संवाददाता

देश की राजधानी दिल्ली इस सप्ताहांत भारतीय तीरंदाजी की सबसे प्रतिष्ठित सीरीज की गवाह बनेगी, जब देश के नामी धनुर्धर 10 से 12 फरवरी 2023 तक डीडीए यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, सूरजमल विहार में होने वाले एनटीपीसी नेशनल रैंकिंग तीरंदाजी (एनआरएटी)- 2022 के फाइनल राउंड में शिकरत करेंगे। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के सहायक सचिव गुंजन एब्रोल ने प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।

गुंजन ने बताया कि इस तीन दिवसीय टूर्नामेंट में कम्पाउंड और रिकर्व कैटगरी में महिलाओं व पुरुषों के सीनियर, जूनियर और सब-जूनियर वर्ग के मुकाबले होंगे। प्रत्येक वर्ग में देश के शीर्ष आठ तीरंदाज टारगेट पर निशाना साधेंगे। आयोजन डे एंड नाइट होंगे, जोकि भारतीय तीरंदाजी में पहला प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के प्रदर्शन के आधार पर एशियाड के लिए टीम का चयन आसान होगा।

गुंजन के अनुसार, फाइनल राउंड में कुल इनामी राशि 50 लाख रुपये रखी गई है, जिसमें से विजेता से लेकर सभी प्रतिस्पर्धियों को इनाम बांटे जाएंगे। सीनियर वर्ग के विजेताओं को एक-एक लाख रुपये बतौर पुरस्कार दिए जाएंगे। फाइनल चरण का उद्घाटन एएआई अध्यक्ष अर्जुन मुंडा करेंगे जबकि समापन समारोह की शोभा दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय सक्सेना बढ़ाएंगे।

उन्होंने कहा कि इस सीरीज के पांचवें व फाइनल राउंड के टूर्नामेंट में कुल 96 शीर्ष तीरंदाज भाग लेंगे। इन सभी को पिछले चार चरणों के टूर्नामेंटों में उनके प्रदर्शन के आधार पर फाइनल के लिए प्रवेश मिला है। घरेलू सर्किट के चार चरण जनवरी से अक्टूबर 2022 के बीच क्रमश: हैदराबाद (तेलंगाना), सराईकेला (झारखंड), अमरावती (महाराष्ट्र) और नर्मदापुरम (मध्य प्रदेश) आयोजित किए गए थे।

दिल्ली तीरंदाजी एसोसिएशन (डीएए) के सीईओ जेपी जैन और कोषाध्यक्ष विपिन गुप्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे। डीएए के पदाधिकारियों ने बताया कि वो लोग दिल्ली की तीरंदाजी को अपने दम पर चला रहा हैं क्योंकि उन्हें दिल्ली सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है। इन दोनों के अनुसार, दिल्ली सरकार ने 2013 से दिल्ली के सभी खेल संघों को मिलने वाली आर्थिक मदद बंद की हुई है, जोकि दिल्ली के खेलों और खिलाड़ियों के लिए कठिन समय गुजारने जैसा है।

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