राजेंद्र सजवान
छठे अंतरराष्ट्रीय डांस फेस्टिवल 2024 का समापन समारोह त्रिवेणी कला संगम सभागार में आयोजित किया गया। तत्पश्चात दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अनुरोध पर सभी प्रतियोगी कलाकारों ने विशेष प्रस्तुति पेश की, जिसको जमकर सराहा गया। आयोजक ‘छंदे छंदे’ कोलकाता के फेस्टिवल डायरेक्टर अंचितो गांगुली के अनुसार बड़े पैमाने पर विशेष अतिथियों की उपस्थिति ने भारत-बांग्लादेश की नाटय संस्कृति को चार चांद लगा दिए।
अचिंतो गांगुली के अनुसार, कोलकाता में 2 से 4 जनवरी तक आयोजित तीन दिवसीय फेस्टिवल में बांग्लादेश, कनाडा, श्रीलंका, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के नामी-गिरामी कलाकारों ने शिरकत की थी। फाइनल राउंड में बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के नृतक पहुंचे थे। कार्यक्रम का आकर्षण सुमिता भट्टाचार्य द्वारा कोरियोग्राफ ‘समर्पण’ क्लासिकल नृत्य रहा। बांग्लादेश के विश्व विख्यात डांस ग्रुप -‘स्पंदन’ ने जब अपने देश का लोक नृत्य प्रस्तुत किया तो पूरा प्रेस क्लब तालियों से गूंज उठा। अन्य आकर्षण गीतकार सलिल चौधरी की जन्म शताब्दी पर कोरियोग्राफिक नृत्य के चलते चित्रकार सोमेन दत्ता द्वारा निर्मित कलाकृति रही।
इस अवसर पर जस्टिस ‘अमूल्य कुमार नंदी’ एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया जो कि बांग्ला साहित्य के लिए रमा प्रसाद चटर्जी और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अभूतपूर्व योगदान के लिए अवीक चटोपाध्याय को मिला। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस इंदिरा बनर्जी, पूर्व मुख्य सचिव (असम) रंजन चटर्जी, एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी, आईएफएस अमरेंद्र खटुआ, मेजर जनरल तेजिंदर जग्गी, भरतनाट्यम डांसर और कोरियोग्राफर अनुसूया बनर्जी, एएसपी राजेंद्र किशोर ओझा, बांग्लादेश उच्चायोग के मंत्री शाबान महमूद और फोटोग्राफर श्रीवत्सा शांडिल्या मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
नेशनल स्कूल्स ऑफ ड्रामा के डायरेक्टर चितरंजन त्रिपाठी की पारखी नजरों ने सभी कलाकारों को सराहा। श्री त्रिपाठी खुद मंजे हुए कलाकार रहे हैं और पचास से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने आयोजन को अभूतपूर्व बताया और कहा कि अत्यद्धिक व्यस्तता के कारण रविन्द्र शैली के कार्यक्रमों को नहीं देख पाई थीं लेकिन भारत-बांग्लादेश के कलाकारों ने पुरानी यादें ताज़ा कर दीं। वर्ल्ड ग्रुप के डायरेक्टर संजय सावंत और पेप्सी और सारेगामा के निदेशक व पेनिनसुला स्टूडियो के चेयर परसन एविक चटोपाध्याय की उपस्थिति ने कार्यक्रम कि शोभा बढ़ाई।