सुदेवा एफसी और रॉयल रेंजर्स में है दम
उत्तराखंड फुटबॉल क्लब की मुश्किल बढ़ी
राजेंद्र सजवान
एक दिन के विश्राम के बाद दिल्ली प्रीमियर लीग में सुदेवा फुटबॉल क्लब के युवा खिलाड़ियों का सामना गढ़वाल एफसी से होना है। यह मैच इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सुदेवा के पास जीत के साथ दिल्ली एफसी के करीब जाने का मौका होगा और गढ़वाल की जीत उसे फिर से शीर्ष चार टीमों में स्थान दिला सकती है। लेकिन इतना तय है कि दिल्ली एफसी को कोई बड़ा उलटफेर ही रोक सकता है।
प्रीमियर लीग अपने दूसरे चरण का आधा सफर पूरा कर चुकी है और अब सभी भाग लेने वाली टीमों के लगभग चार-पांच मैच बाकी हैं। हालांकि अभी से कोई भविष्यवाणी करना ठीक नहीं होगा लेकिन अंक तालिका बताती है कि डीएसए लीग चैंपियन और फुटसाल सहित अन्य कई खिताब जीत चुकी दिल्ली एफसी अब तक का सबसे बड़ा खिताब जीतने के करीब पहुंच गई है।
अंक तालिका में दिल्ली एफसी ने 15 मैचों में 33 अंक जुटाए हैं। रॉयल रेंजर्स के तीन अंक कम हैं लेकिन उसने एक मैच ज्यादा खेल कर 30 अंक पाए हैं। उसके पीछे वाटिका एफसी सुदेवा दिल्ली एफसी और गढ़वाल एफसी की टीमें थोड़ी दूरी पर हैं। अन्य टीमों में रेंजर्स एफसी, भारतीय वायु सेना, तरुण संघा, हिंदुस्तान और उत्तराखंड की टीमें बहुत पीछे छूट गई हैं और उनकी वापसी की उम्मीद नहीं बच पाई है।
एक संतुलित टीम के रूप में दिल्ली एफसी लाजवाब है। उसके पास गोलकीपर से ग्यारहवें खिलाड़ी के रूप में प्रतिभा की भरमार है। दिल्ली एफसी की बड़ी ताकत उसकी बेंच स्ट्रेंथ को कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
रॉयल रेंजर्स, वाटिका और सुदेवा में कड़ी होड़ लगी है। रॉयल रेंजर्स ने शानदार वापसी की है तो गढ़वाल भी ज्यादा दूर नहीं है। लेकिन दिल्ली की फुटबॉल में अपना खास दर्जा रखने वाली गढ़वाल का प्रदर्शन उतार- चढ़ाव वाला रहा है। तारीफ करनी होगी रॉयल रेंजर्स की, जिसने शुरुआती झटके खाने के बाद मैच जीतने की एक नई श्रृंखला शुरू की है। दिल्ली की फुटबॉल में नए क्लब वाटिका ने उन आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है जिनको वाटिका की शॉर्टकट एंट्री रास नहीं आ रही थी। लेकिन पिछले कुच मैचों से वाटिका की महक में ताजगी नजर नहीं आती। ऐसे में दिल्ली एफसी को यदि कोई पीछे धकिया सकता है तो सुदेवा ही हो सकती है।
भले ही एक टीम के रूप में डीएफसी का जवाब नहीं लेकिन फुटबॉल प्रेमियों को सुदेवा एफसी ने कई मैचों में लाजवाब दिया है। सुदेवा के कम उम्र खिलाड़ी किसी भी मैच को लूटने की योग्यता रखते हैं। उनके हुनर की जितनी भी तारीफ की जाए कम होगा।
भले ही उत्तराखण्ड एफसी ने कुछ एक अप्रत्याशित परिणाम निकाले लेकिन अंक तालिका में उसका सबसे नीचे रहना तय है। वायुसेना फुटबॉल टीम ने दो नावों पर सवार होकर अपना नाम और सम्मान गिराया है। रेंजर्स और वायु सेना प्रीमियर ग्रुप में बने रहेंगे लेकिन तरुण संघा और हिंदुस्तान एफसी अभी पूरी तरह सेफ ज़ोन में नहीं हैं।
13 सितंबर के कार्यक्रम
सुदेवा एफसी और गढ़वाल एफसी 1:30 बजे।
तरुण संघा और फ्रेंड्स यूनाइटेड 4:30 बजे।