- दूसरी दिल्ली पुरुष प्रीमियर लीग 16 नवम्बर से शुरू होगी, जिसमें राजधानी के 11 जाने-माने क्लब डबल लेग मुकाबले खेलेंगे
- डीएसए के अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि संतोष ट्रॉफी और अन्य आयु वर्ग के राष्ट्रीय आयोजनों में दिल्ली ने बड़ी कामयाबी पाई है और दिल्ली के कई खिलाड़ी आई लीग में खेल रहे है
- उन्होंने माना कि लीग में क्लबों को स्थानीय खिलाड़ियों को अधिकाधिक मौके देने चाहिए, क्योंकि डीएसए का असली मकसद स्थानीय खिलाड़ियों को सक्षम बनाना है
- इस अवसर पर लीग कमिटी के चेयरमैन रिजवान-उल-हक, कन्वीनर हर गोपाल, डीएसए के कोषाध्यक्ष लियाकत अली, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, एनके भाटिया, मगन सिंह पटवाल, जगदीश मल्होत्रा, शंकर लाल, नागेंद्र सिंह आदि वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे
संवाददाता
“दिल्ली की फुटबॉल का हालिया प्रदर्शन चौंकाने वाला रहा है। संतोष ट्रॉफी और अन्य आयु वर्ग के राष्ट्रीय आयोजनों में दिल्ली ने बड़ी कामयाबी पाई है। नतीजन दिल्ली के कई खिलाड़ी आई लीग में खेल रहे है।” दिल्ली सॉकर एसोसिएशन (डीएसए) के अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने गुरुवार को राजधानी दिल्ली स्थित डॉ. अम्बेडकर स्टेडियम में दूसरी दिल्ली पुरुष प्रीमियर लीग के कार्यक्रम की घोषणा की और कहा कि 16 नवम्बर से शुरू होने वाली इस लीग में राजधानी के 11 जाने-माने क्लब डबल लेग मुकाबले खेलेंगे। इस अवसर पर लीग कमिटी के चेयरमैन रिजवान-उल-हक, कन्वीनर हर गोपाल, डीएसए के कोषाध्यक्ष लियाकत अली, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, एनके भाटिया, मगन सिंह पटवाल, जगदीश मल्होत्रा, शंकर लाल, नागेंद्र सिंह आदि वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुप्ता ने बताया कि दूसरे संस्करण के आयोजन में मौजूदा चैम्पियन वाटिका एफसी और उप-विजेता गढ़वाल एफसी फिर से दावेदारों में शामिल हैं। उद्घाटन मैच वाटिका और सीआईएसएफ प्रोटेक्टर के बीच 11 बजे खेला जाएगा। भाग लेने वाले क्लब इस प्रकार हैं: दिल्ली एफसी, फ्रेंड्स यूनाइटेड, गढ़वाल हीरोज, सीआईएसएफ प्रोटेक्टर, भारतीय वायुसेना, रॉयल रेंजर्स, सुदेवा दिल्ली, तरुण सांघा, अहबाब, रेंजर्स एससी और मौजूदा चैम्पियन वाटिका एफसी।
अनुज गुप्ता के अनुसार दिल्ली की फुटबॉल के चर्चे पूरे देश में हैं। दिल्ली लीग आयोजन के मामले में जल्दी ही नंबर एक पर पहुंचने वाली है। उन्होंने माना की लीग में बहुत से क्लब बाहरी खिलाड़ियों के भरोसे चल रहे हैं, जो कि शुभ लक्षण है लेकिन क्लबों को स्थानीय खिलाड़ियों को अधिकाधिक मौके देने चाहिए, क्योंकि डीएसए का असली मकसद अपने खिलाड़ियों को सक्षम बनाना है।