फिट हुई तो लौटूंगी, कोच नहीं बनूंगी: सायना

  • लगभग एक दशक तक अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन में ऊंचा नाम पाने वाली यह खिलाड़ी लंबे समय से प्रतिस्पर्धात्मक बैडमिंटन से दूर है
  • वह ऑपरेशन के बाद घुटने की चोट से कब वापस लौटेगी कहना मुश्किल है
  • बैडमिटन हलकों में यह चर्चा है कि सायना अब शायद ही कोर्ट पर नजर आए क्योंकि उम्र उस पर हावी है और उसका श्रेष्ठ भी काफी पीछे छूट गया है
  • वह कोचिंग को खेलने से ज्यादा टफ मानती है, लेकिन बैडमिंटन से जुड़ी रहेंगी और जरूरत पड़ने पर उभरते खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करना चाहेंगी

राजेंद्र सजवान

वर्ल्ड चैम्पियन और ओलम्पिक पदक विजेता सायना नेहवाल लंबे समय से प्रतिस्पर्धात्मक बैडमिंटन से दूर है। लगभग एक दशक तक अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन में ऊंचा नाम पाने वाली यह खिलाड़ी आज उस मुकाम पर है जहां से वापसी आसान कदापि नहीं है फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी है। वह घुटने की चोट से परेशान है लेकिन ऑपरेशन करवा चुकी है।  कब वापस लौटेगी कहना मुश्किल है।

 

  आज यहां  ‘हार्वेस्ट गोल्ड  ग्लोबल रेस  2023’ के आयोजकों द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सायना ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह लंबे समय से बैडमिंटन से दूर है। घुटने की चोट के चलते उसका खेलना संभव नहीं हो पा रहा लेकिन वह सौ फीसदी फिटनेस के साथ वापसी चाहती है। क्या पेरिस ओलम्पिक में खेल सकती है? इस सवाल के जवाब में उसने कहा कि वह जल्दी से जल्दी खेलना चाह रही है लेकिन बिना सौ फीसदी फिट हुए नहीं खेलेगी। वैसे भी ओलम्पिक करीब है और तब तक शायद ही खेल सके।

   देश के प्रमुख ब्रेड ब्रांड हार्वेस्ट गोल्ड ने सायना नेहवाल को ग्लोबल रेस के लिए अपना ब्रांड एम्बेसडर घोषित किया है। कंपनी के कार्यकारी निदेशक राज कंवर सिंह ने सायना की उपस्थिति और उसके हार्वेस्ट गोल्ड के साथ जुड़ने को अभूतपूर्व बताया और कहा कि हार्वेस्ट गोल्ड सायना की तरह समाज और देश के साथ जुड़ कर बड़ा काम कर रही है।

 

  हालांकि बैडमिटन हलकों में यह चर्चा है कि सायना अब शायद ही कोर्ट पर नजर आए क्योंकि उम्र उस पर हावी है और उसका श्रेष्ठ भी काफी पीछे छूट गया है। लेकिन वह आशावान है और घुटने की चोट ठीक होने तक खेल से दूर रहना चाहती है। एक सवाल के जवाब में उसने कहा कि खेल से हटने के बाद कोच बनने के बारे में नहीं सोच रही, क्योंकि कोचिंग खेलने से ज्यादा टफ है। हां, बैडमिंटन से जुड़ी रहेंगी और जरूरत पड़ने पर उभरते खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करना चाहेंगी।    एशियाड और ओलम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सायना आशावादी है। उसे उम्मीद है कि भारतीय खिलाड़ी खराब प्रदर्शन से उबर कर पदक जीतने का सिलसिला बनाए रखेंगे।

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