फुटबॉल दिल्ली प्रीमियर लीग में छा गई केन्या की एलिजाबेथ

कियोको एलिजाबेथ काटूंगवा ने रॉयल रेंजर्स के लिए खेलते हुए पहले ही मैच में शानदार गोल जमाकर प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता

जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में रॉयल रेंजर्स ने सिग्नेचर एफसी को 2-2 की बराबरी पर रोका

ईव्स ने नंदिनी, संजना और प्रीति के गोलों से नामी हंस क्लब को 3-1 से हराया

पुरुषों की लीग में गढ़वाल की उत्तराखंड एफसी पर 2-1 से संघर्षपूर्ण जीत

डॉ. अंबेडकर स्टेडियम में वाटिका ने प्लेयर ऑफ़ द मैच राहुल रावत के गोल से फ्रेंड्स यूनाइटेड को एक गोल से हराया

संवाददाता

दिल्ली की पुरुष फुटबॉल में नाईजीरिया, घाना, केन्या समेत कई अफ्रीकी देशों के खिलाड़ी जौहर दिखा रहे हैं। अब अफ्रीकी देशों की लड़कियों को भी दिल्ली की महिला प्रीमियर फुटबॉल लीग भाने लगी है। केन्या की कियोको एलिज़ाबेथ काटूंगवा पहली महिला फुटबॉलर है जिसे प्रीमियर लीग में रॉयल रेंजर्स के लिए खेलने का मौका मिला और पहले ही मैच में उसने शानदार गोल जमाकर न सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज की, प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी पाया। 

जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पर रॉयल रेंजर्स ने अपने पहले मैच में सिग्नेचर एफसी को 2-2 की बराबरी पर रोका। रेंजर्स का दूसरा गोल दीप्ति कुजूर ने किया जबकि सिग्नेचर के गोल प्रीति और ज्योति ने दागे।

  

एक अन्य मुकाबले में ईव्स ने नंदिनी, संजना और प्रीति के गोलों से नामी हंस क्लब को 3-1 से हराया। पराजित टीम का गोल आशा थापा ने किया। हंस की पराजय का मतलब है कि महिला फुटबॉल में नई लड़कियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

पुरुषों में घमासान : वाटिका और गढ़वाल ने बहा

   शनिवार को वाटिका और गढ़वाल अपने-अपने मुकाबले जीते जरूर, लेकिन दोनों ही टीमों को काफी पसीना बहाना पड़ा। डॉ. अंबेडकर स्टेडियम पर पुरुषों के पहले  मुकाबले में वाटिका ने प्लेयर ऑफ़ द मैच राहुल रावत के गोल से फ्रेंड्स यूनाइटेड को एक गोल से हराया।

अंतिम मुकाबले में  गढ़वाल एफसी ने उत्तराखंड एफसी को 2-1 से परास्त किया। करन के गोल से उत्तराखंड ने बढ़त बनाई लेकिन रक्षापंक्ति के खराब प्रदर्शन ने गढ़वाल  का काम आसान कर दिया। प्लेयर ऑफ द मैच गोलकीपर अभय बिष्ट ने कई सुंदर बचाव किए। गढ़वाल के गोल नारायण क्षेत्री और  ध्रुव शर्मा ने किए।

एक समय गढ़वाल दबाव में थी क्योंकि फॉरवर्ड लाइन की कुछ चूक उसकी जीत के आड़े आ रही थी। लेकिन उसका काम उत्तराखंड के रक्षकों की कोताही ने अंतिम क्षणों में आसान कर दिया।

वैसे, उत्तराखंड ने पहले हाफ में बेहतर प्रदर्शन किया। लेकिन अंतिम समय में थके हारे रक्षकों ने जैसे हाथ खड़े कर दिए और जीती बाजी हाथ से निकल गई। भला हो गोली का जिसने पेनल्टी किक सहित चार सुंदर बचाव किए।

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