June 15, 2025

sajwansports

sajwansports पर पड़े latest sports news, India vs England test series news, local sports and special featured clean bold article.

भारतीय फुटबॉल: मैं तुझे, तू मुझे खुजला! बस सुनील अब और नहीं

  • अब यहां तक कहा जाने लगा है कि सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल पर बोझ बन गया है
  • सोशल मीडिया पर सबसे पहले सुनील छेत्री और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू को हटाने की मांग की जा रही है
  • ऐसी खुसर-फुसर है कि चीफ कोच इगोर स्टीमक और छेत्री खुद को टीम में बनाए रखने के लिए एक-दूसरे को खुजलाते रहे हैं

राजेंद्र सजवान

भारतीय फुटबॉल आज अपने सबसे बुरे और शर्मनाक दौर से गुजर रही है। फुटबॉल प्रेमियों और पूर्व खिलाड़ियों की राय में ऐसी जलालत और थू-थू शायद ही पहले कभी झेलनी पड़ी हो। हालांकि पिछले पचास सालों में हमारी टीम ने कोई बड़ा तीर नहीं चलाया फिर भी तब बड़े-बड़े दावे नहीं किए जाते थे। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) बेशर्मी के साथ अपना कारोबार चला रही थी। तो फिर कौन सा कहर टूट गया? क्यों फिसड्डी फुटबॉल राष्ट्र में हाय-तौबा मची है?

 

  संभवत: आज का फुटबॉल प्रेमी जागरूक है। वह यूरोप, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के स्टार खिलाड़ियों को खेलते देख रहा है और उम्मीद करने लगा है कि हमारे खिलाड़ी भी एक दिन कुछ बेहतर और कुछ बड़ा कर सकते हैं। यही कारण है कि सुनील छेत्री की योग्यता, क्षमता और गोल जमाने की कलाकारी की तुलना रोनाल्डो और मेस्सी से जैसे महान खिलाड़ियों के साथ की जाने लगी थी। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। सुनील को भला-बुरा करने वाले लगातार बढ़ रहे हैं। यहां तक कहा जाने लगा है कि वह भारतीय फुटबॉल पर बोझ बन गया है।

  चूंकि भारतीय टीम का प्रदर्शन लगातार गिर रहा है इसलिए जागरूक और समर्पित फुटबॉल प्रेमी जहर भरे बयान तक दे रहे हैं। फेडरेशन अध्यक्ष कल्याण चौबे को भद्दी गालियां दी जा रही हैं। सोशल मीडिया पर सबसे पहले सुनील छेत्री और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू को हटाने की मांग की जा रही है। यहां तक कहा जाने लगा है कि चीफ कोच इगोर स्टीमक और छेत्री खुद को टीम में बनाए रखने के लिए एक-दूसरे को खुजलाते रहे हैं। नतीजन युवा और काबिल खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पाया।

 

   कोलकाता, गोवा, केरला, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश का मीडिया एआईएफएफ की नीयत में खोट देख रहा है। मीडिया को लगता है कि देश में फुटबॉल का बढ़ावा देने के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है। कुछ फुटबॉल पंडितों के अनुसार, जैसे ही कोई विदेशी कोच भारतीय धरती पर अवतरित होता है। बाइचुंग भूटिया और सुनील छेत्री जैसे खिलाड़ी उसके लाडले बन जाते हैं और फिर सुपर स्टार और कोच मिली-भगत कर पूरे देश को गुमराह करने का खेल शुरू कर देते हैं। पता नहीं कहां तक सच है लेकिन वर्षों से भारतीय फुटबॉल में यही खेल चल रहा है। सोशल मीडिया पर ज्ञान भी बांटा जा रहा है कि अपनी टीम के खिलाड़ी ‘ब्लू टाइगर्स’ नहीं है, क्योंकि टाइगर कभी भी इतना कमजोर नहीं होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *