- 25 वर्षीय खिलाड़ी अदिति अशोक ने कहा कि अंतिम दौर में सात शॉट का लीड गंवाना निराशाजनक है
- अदिति ने हांगझू एशियन गेम्स में पहली बार रजत पदक जीतकर भारतीय गोल्फ के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया
- उन्होंने रविवार को की महिला व्यक्तिगत गोल्फ स्पर्धा के अंतिम 18 होल में सात-शॉट की लीड गंवाई
संवाददाता
नई दिल्ली: टॉप गोल्फर अदिति अशोक ने रविवार को हांगझू में खेले गए एशियन गेम्स की महिला व्यक्तिगत स्पर्धा में पहली बार रजत पदक जीतकर भारतीय गोल्फ के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। हालांकि, 25 वर्षीय खिलाड़ी स्पर्धा के अंतिम 18 होल में सात-शॉट की अपनी बढ़त गंवाने के बाद लाखों भारतीय प्रशंसकों को गोल्डन जश्न मनाने का अवसर देने से चूक गई, जो उन्हें लाइव टेलीविजन पर उत्सुकता से देख रहे थे।
अदिति ने तीसरे दौर में 11-अंडर 61 का शानदार स्कोर बनाकर सात शॉट की भारी बढ़त हासिल कर व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदें बढ़ा दी थीं। वह 2021 में 2020 टोक्यो ओलम्पिक गेम्स में भी पदक जीतने के करीब पहुंची, जहां वह यूएसए की तत्कालीन विश्व नंबर 1 नेली कोर्डा के साथ बढ़त साझा करने के बाद चौथे स्थान पर रही।
हालाँकि, एलपीजीए टूर की नियमित खिलाड़ी वेस्ट लेक इंटरनेशनल कोर्स में पांच ओवर 77 का निराशाजनक कार्ड बनाने के बाद अपनी तीसरे दौर की दमदार प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकीं। पार-3 के 16वें होल पर एक डबल बोगी खेल बैठी, जिसकी वजह थी उनका टी शॉट का पानी में चला जाना। इस खराब दौर ने महिला गोल्फ में पहला एशियाड स्वर्ण जीतने की उनकी उम्मीदें लगभग समाप्त कर दीं। थाईलैंड की युबोल अर्चिपाया ने उच्च दबाव की स्थिति में चार अंडर 68 का मजबूत स्कोर बनाकर अदिति से स्वर्ण पदक छीन लिया।
अदिति ने बाद में संवाददाताओं से कहा, “यह निश्चित रूप से मेरे लिए गोल्ड जीतने का सुनहरा मौका था। मैं सात की लीड से आगे चल रही थी, मुझे लगता है कि निश्चित रूप से कोई भी इसे हार के रूप में ही देखेगा। मेरा दिन अच्छा नहीं गया। मुझे सिल्वर मेडल जीतने से ज्यादा अफसोस गोल्ड हारने का है।”
भारतीय गोल्फर ने आगे कहा, “उसे (यूबोल को) श्रेय जाता है क्योंकि वह बहुत अच्छा खेली। उन्होंने इन परिस्थितियों में चार अंडर का स्कोर किया जो काफी अच्छा है। वह अच्छा राउंड खेली। उन्होंने मुझे अच्छा खेलने के लिए मजबूर किया और मैं ऐसा नहीं कर पाई, इसलिए यह निश्चित रूप से एक गोल्ड हार गई।”
अदिति ने खुद फाइनल राउंड में प्रवेश करते समय अपनी मानसिक स्थिति की झलक दी, जो बताती है कि चार बार की लेडीज यूरोपियन टूर विजेता और भारत की सर्वोच्च रैंक वाली महिला गोल्फर के लिए क्या गलत हुआ।
अर्जुन पुरस्कार विजेता ने कहा, “जिस तरह से आपका दिमाग काम करता है, जब आप पीछे होते हैं, तो आप हमेशा उन अच्छी चीजों के बारे में सोचते रहते हैं जिन्हें आप पकड़ सकते हैं। लेकिन जब आप लीड कर रहे हों तो मुझे लगता है कि दिमाग यह नहीं देखता है कि क्या गलत हो रहा है।”
अदिति के सिल्वर मेडल ने 2010 के ग्वांगझू संस्करण के बाद से एशियाई खेलों में गोल्फ पदक के लिए देश के 13 साल के इंतजार को समाप्त कर दिया। भारत के पास अब गोल्फ में सात एशियाड पदक हैं जिनमें तीन स्वर्ण और चार रजत शामिल हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अदिति की उपलब्धि से बहुत खुश है और उन्हें हांगझू में यादगार प्रदर्शन के लिए बधाई दी। मोदी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, “एशियाई खेलों में महिला व्यक्तिगत स्पर्धा में प्रतिष्ठित रजत पदक लाने वाली @aditigolf के प्रदर्शन से उत्साहित हूं। उनका ध्यान और समर्पण प्रशंसनीय है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं।”
गोल्फ के राष्ट्रीय खेल महासंघ, इंडियन गोल्फ यूनियन (आईजीयू) ने एशियन गेम्स के लिए सात सदस्यीय टीम का चयन किया था। गोल्फ प्रतियोगिता के लिए चीन में मौजूद आईजीयू अध्यक्ष ब्रिजिंदर सिंह ने अदिति के खेल की सराहना की। ब्रिजिंदर सिंह ने कहा, “एशियन गेम्स में पदक के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ा। पेशेवरों को खेलने की अनुमति मिलने से मैदान कठिन हो गया। कठिन प्रतिस्पर्धा के बावजूद अदिति की शानदार जीत।”
आईजीयू के महानिदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) विभूति भूषण ने भी भूरपूर प्रशंसा करते हुए कहा, “गोल्फ की दुनिया में उभरते सितारे अदिति अशोक ने अपनी असाधारण प्रतिभा और समर्पण से पूरे देश को गौरवान्वित किया है। एशियन गेम्स में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि गोल्फ के खेल के प्रति उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
भूषण ने कहा, “एक कड़े मुकाबले में, जिसमें महाद्वीप के कुछ सर्वश्रेष्ठ गोल्फ खिलाड़ी शामिल थे, अदिति ने अपने कौशल, सटीकता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। उनके प्रदर्शन ने न केवल भारतीय गोल्फ का स्तर ऊंचा उठाया है, बल्कि यह भी प्रदर्शित किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक ताकत हैं।” अदिति, प्रणवी शरथ उर्स और अवनी प्रशांत की भारतीय महिला टीम 22-अंडर 554 के कुल स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहकर पदक से चूक गई। भारतीय पुरुष टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और अनिर्बान लाहिड़ी व्यक्तिगत वर्ग में 12वें स्थान पर रहे। लाहिड़ी, शुभंकर शर्मा, एसएसपी चौरसिया और खलिन जोशी की चौकड़ी 10-टीम क्षेत्र में सातवें स्थान पर रही।