पूर्व स्टार फुटबॉलर ने भावी खिलाड़ियों को उम्र की धोखाधड़ी से बचने और अनुशासित खिलाड़ी बनने का संदेश भी दिया
पूर्व भारतीय कप्तान भूटिया ने 61वें सुब्रतो कप की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने अनुभव बांटे
सुब्रतो कप का आयोजन 14, 17 साल के बालकों और 17 साल की बालिकाओं के आयु वर्गों में किया जा रहा है
राजेन्द्र सजवान
सुब्रतो मुखर्जी फुटबाल टूर्नामेंट में जौहर दिखा चुके पूर्व स्टार फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया एक बार फिर से सुब्रतो फुटबॉल मंच पर नजर आए। अवसर था 61वें सुब्रतो कप के आयोजन हेतु भारतीय वायुसेना द्वारा बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस।
इस अवसर पर एयर मार्शल के. अनंथराम, एयर मार्शल आर.के. आनंद और वायुसेना की आयोजन समिति के प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति में बाइचुंग ने जहां एक ओर अपने अनुभव शेयर किए तो साथ ही भावी खिलाड़ियों को यह संदेश भी दिया कि उम्र की धोखाधड़ी से बचें और अनुशासित खिलाड़ी बनें।
सुब्रतो कप का आयोजन 14, 17 साल के बालकों और 17 साल की बालिकाओं के आयु वर्गों में किया जा रहा है, जिसमें देशभर के चैम्पियन स्कूलों की टीमें भाग ले रही हैं। भूटिया की राय में भारतीय फुटबॉल को यदि विश्व स्तर पर पहचान बनानी है तो स्कूली फुटबॉल को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
पूर्व भारतीय कप्तान के अनुसार, उनके समय में उम्र की जांच पड़ताल के लिए कोई निश्चित मापदंड नहीं था लेकिन अब सबकुछ वैज्ञानिक तरीकों से जांचा जा रहा है और बड़ी उम्र के खिलाड़ियों को आसानी से पकड़ा जा सकता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र में बाईचुंग भूटिया फुटबॉल अकादमियां अच्छे खिलाड़ी तैयार कर रही है। लेकिन उन्हें यह सब नाकाफी लगता है हर जिले और राज्य में इस प्रकार की सैकड़ों अकादमियों की जरूरत है, जिनसे निकलकर खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर सकते हैं।
सुब्रतो टूर्नामेंट को उन्होंने स्कूली स्तर पर बेहतरीन टूर्नामेंट बताया लेकिन साथ ही जोड़ा कि यति सुब्रतो सोसाइटी प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे के लिए प्रोत्साहन दे सके तो और बेहतर रहेगा।
फेडरेशन चुनाव पर उन्होंने एकबार फिर दोहराया कि उनका दावा मजबूत था लेकिन कुछ लोग देश के सबसे बेहतर रिकॉर्ड वाले खिलाड़ी को धोखा देने की कोशिश में लगे हैं।