- पूर्व राज्यसभा सांसद दिलीप टिर्की के बारे में उड़ती खबर है कि हॉकी इंडिया का माहौल उन्हें रास नहीं आ रहा है
- पता चला है कि कुछ लोग भारतीय हॉकी के पूर्व कप्तान को इस कारण परेशान कर रहे है कि वह खुद-ब-खुद अध्यक्ष पद से हट जाएं
- यहां तक कहा जा रहा है कि अध्यक्ष से किसी भी गंभीर मुद्दे पर बात नहीं की जाती है और उसकी राय जरूरी नहीं समझी जाती है
- इतना तय है कि पूर्व डिफेंडर के हटने के बाद हॉकी इंडिया में अराजक तत्व पूरी तरह हावी हो जाएंगे
राजेंद्र सजवान
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष, पूर्व राज्यसभा सांसद, भारतीय हॉकी के पूर्व कप्तान और खिलाड़ी के तौर पर दमदार डिफेंडर दिलीप टिर्की के बारे में उड़ती खबर है कि हॉकी इंडिया का माहौल उन्हें रास नहीं आ रहा है और वे कभी भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि इस बारे में कोई भी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है लेकिन विश्वसनीय सूत्र बता रहे हैं कि दिलीप टिर्की दमघोंटू माहौल में जी रहे हैं। हालांकि वह हॉकी के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं लेकिन उनके ईद-गिर्द कुछ अवसरवादी आ खड़े हुए हैं जिनसे पार पाना दिलीप जैसे सीधे सच्चे इंसान के बूते की बात नहीं है।
दिलीप के अध्यक्ष बनने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि उसके पद पर रहते भारतीय हॉकी को सही दिशा मिल जाएगी लेकिन सत्ता के खेल में उन्हें अंदर-बाहर से हैरान परेशान किया जा रहा है। पता चला है कि कुछ लोग उन्हें इस कारण परेशान कर रहे है कि वह खुद-ब-खुद अध्यक्ष पद से हट जाएं। ये लोग कौन हैं, जल्द पता चल जाएगा।
दिलीप के अध्यक्ष बनने के बाद भारतीय हॉकी सही दिशा में बढ़ चली थी लेकिन अचानक हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल बनाया जा रहा है। नतीजन जूनियर और सीनियर टीमों के ग्राफ में गिरावट दिखाई पड़ रही है।
कल तक जो लोग पेरिस ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने का दम भर रहे थे, उनकी बोलती बंद हो गई है। टीम चयन, प्रबंधन और कोचों को लेकर दखलंदाजी जैसे मामले दिखाई-सुनाई पड़ रहे हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि अध्यक्ष से किसी भी गंभीर मुद्दे पर बात नहीं की जाती है। उसकी राय जरूरी नहीं समझी जाती है।
यदि सचमुच ऐसा है तो मामला गंभीर और हॉकी के लिए घातक माना जाएगा। दिलीप के अध्यक्ष बनने के बाद हॉकी इंडिया में जिस ऊर्जा का संचार हुआ था, वो यकायक गायब हो गई है। इसका सीधा असर खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर पड़ता नजर आ रहा है। यदि सचमुच ऐसा है तो हॉकी इंडिया में बड़ा धमाका सुनने को मिल सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि दिलीप अपने गृह नगर सुंदरगढ़ से चुनाव लड़ने की तैयार कर रहे हैं और हॉकी को ज्यादा समय नहीं दे पा रहा है। लेकिन इतना तय है कि दिलीप के हटने के बाद हॉकी इंडिया में अराजक तत्व पूरी तरह हावी हो जाएंगे।