प्रेस विज्ञप्ति :
- भारत ने कुल 15 पदक (2 स्वर्ण, 5 रजत, 8 कांस्य) जीते
- 2019 में बैंकाक में भारत ने 13 पदक (2 स्वर्ण, 4 रजत, 7 कांस्य) जीते थे
- पुरुष मुक्केबाजों ने पांच वेट कटेगरी में पांच पदक (एक स्वर्ण, 2 रजत औऱ 2 कांस्य) जीते
- भारतीय महिला मुक्केबाजों ने जीते हैं 1 स्वर्ण, 3 रजत और 6 कांस्य
नई दिल्ली, 31 मई, 2021: संजीत (91 किग्रा) ने सोमवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप भारत के लिए सोना जीता। यह इस चैम्पियनशिप में इस साल भारत का दूसरा स्वर्ण पदक है।
पूजा रानी ने महिलाओं के 75 किग्रा वर्ग में रविवार को अपने खिताब बचाते हुए सोना जीता था। भारत ने इस चैम्पियनशिप में कुल 15 पदक 2 स्वर्ण, 5 रजत, 8 कांस्य) जीते, जो उसका अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भारत ने कुल 15 पदक जीते। इसमें दो स्वर्ण, पांच रजत और आठ कांस्य शामिल हैं।
भारत ने 2019 में बैंकाक एशियाई चैम्पियनशिप से बेहतर प्रदर्शन किया है, जहां उसने दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक जीते थे। 2019 में पूजा और अमित पंघल ने सोना जीता था। पूजा तो इस बार सोना जीतने में सफल रहीं लेकिन पंघल अपना खिताब बचाने से चूक गए।
भारत के लिए जो सबसे अहम मुकाबला रहा, उसमें संजीत का फाइनल में सामना रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता कजाकिस्तान के वासिली लेविट से हुआ संजीत ने 4-1 से यह मुकाबला अपने नाम करते हुए लेविट को एशियाई चैंपियनशिप के अपना चौथा स्वर्ण पदक जीतने से रोक दिया।
52 किग्रा में पंघल ने भारत के लिए दिन का पहला मुकाबला खेला था, जिसमें वह रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन के सामने थे। एशियाई खेलों के चैम्पियन टाप सीड पंघल को शाखोबिदीन ने 3-2 से हरा दिया।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने अमित और शाखोबिदीन के बीच हुए मुकाबले के दूसरे राउंड को लेकर आपत्ति दर्ज कराई लेकिन ज्यूरी कमिशन ने उसे नकार दिया। इस तरह विश्व चैम्पियनशिप में रजत जीत चुके पंघल को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
एशियाई चैम्पियनशिप में यह कुल तीसरा और पहला रजत पदक है। इससे पहले पंघल ने 2019 में सोना और 2017 में ताशकंद में कांस्य पदक जीता था।
इसके बाद शिवा थापा (64 किग्रा) का मुकबला हुआ, जिसमें वह एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग के खिलाफ 2-3 से हार गए। हार के बावजूद थापा एशियाई चैम्पियनशिप में लगातार पांचवां पदक जीतने में सफल रहे।
थापा ने 2013 में सोना जीता था। इसके बाद 2015 में बैंकाक में वह कांस्य जीतने में सफल रहे थे। इसी तरह 2015 में थापा ने रजत पदक जीता था। 2019 में बैंकाक मे थापा के हिस्से कांस्य आया था।
भारतीय महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 10 पदक हासिल किए। इसमें पूजा रानी का स्वर्ण शामिल है जबकि 51 किग्रा वर्ग में एमसी मैरी कोम, 64 किग्रा वर्ग में लालबुतसाही और +81 किग्रा वर्ग में अनुपमा ने रजत पदक जीता।
इसके अलावा सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा) और स्वीटी (81 किग्रा) ने कांस्य रदक जीते।
पुरुष वर्ग में भारत ने कुल पांच पदक हासिल किए। संजीत के सोने के अलावा पंघल और थापा ने रजत जीता जबकि विकास कृष्ण (69 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) ने कांस्य जीता।
उल्लखनीय है कि भारत, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी राष्ट्रों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाजों ने इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया।