- दिल्ली खेल पत्रकार संघ (डीएसजेए) द्वारा भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के सहयोग से आयोजित इस परिचर्चा शीर्ष ओलंपियनों के साथ खेल मंत्री मनसुख मंडाविया शामिल हुए
- इस अवसर पर डॉ. मंडाविया ने ‘पाथवे टू पेरिस’ नामक एक पुस्तिका भी लॉन्च की, जिसमें भारतीय दल के लिए ओलंपिक 2024 की राह पर प्रकाश डाला गया है
- भारत के 117 खिलाड़ी पेरिस जाएंगे, जहां ओलंपिक गेम्स 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होंगे और पैरालंपिक गेम्स 28 अगस्त से 8 सितंबर तक होंगे
संवाददाता
नई दिल्ली, 19 जुलाई, 2024: पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक खेल 2024 में भारत की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को राजधानी दिल्ली स्थित मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में चर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और हॉकी विश्व कप विजेता टीम के सदस्य अशोक ध्यानचंद, एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और पूर्व विश्व नंबर-1 डबल ट्रैप शूटर रोंजन सोढ़ी, राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण विजेता मुक्केबाज अखिल कुमार, एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता तीरंदाज अभिषेक वर्मा, दो बार के पैरालंपिक भाला फेंक चैंपियन देवेंद्र झाझरिया और टोक्यो पैरालिंपिक रजत पदक विजेता डिस्कस थ्रोअर योगेश कथुनिया ने भाग लिया। यह कार्यक्रम दिल्ली खेल पत्रकार संघ (डीएसजेए) द्वारा भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के सहयोग से आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया भी मौजूद थे। उनके साथ खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के महानिदेशक संदीप प्रधान, डीएसजेए के अध्यक्ष अभिषेक त्रिपाठी और सचिव सबी हुसैन तथा टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के सीईओ कमोडोर पीके गर्ग भी मौजूद थे। डीएसजेए की कार्यकारी समिति के सदस्य भी इस अवसर पर मौजूद थे।
कार्यक्रम के बारे डॉ. मंडाविया ने कहा, “नए युग के भारत ने बहुत प्रगति की है, लेकिन यह तो बस शुरुआत है। 2047 तक, जब हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेंगे, हम दुनिया में खेलों में अग्रणी बनने की आकांक्षा रखते हैं और इसलिए, इस तरह के मंचों पर विस्तृत चर्चा करना महत्वपूर्ण है। इन खेलों को कवर करने वाले पत्रकार भी उन भावनाओं को कैद करने के लिए जिम्मेदार हैं, जो एक एथलीट के मन में तब आती हैं, जब वे पदक जीतते हैं या इस स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। मैं अपने एथलीटों को आगामी ओलंपिक और पैरालिंपिक के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे यकीन है कि वे हमारे देश को गौरवान्वित करेंगे।”
दो बार के पैरालंपिक चैम्पियन और भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष झाझरिया ने कहा, “2004 में जब मैं एथेंस पैरालंपिक में गया था, तो मैंने अपनी जेब से पैसे खर्च किए थे। मैं गया और स्वर्ण पदक जीता और विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा। तब से भारतीय खेलों में बहुत प्रगति हुई है। 2008 और 2012 के पैरालंपिक में भाग न लेने के बाद, मैं 2016 के रियो ओलंपिक में वापस आया और स्वर्ण पदक जीता। अब पीसीआई के अध्यक्ष के रूप में मुझे 100 प्रतिशत यकीन है कि हम ओलंपिक और पैरालंपिक दोनों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। हमारा लक्ष्य इस बार 25 पदकों की संख्या पार करना है। हमारा नारा है ‘अबकी बार, 25 पार’।”
इस अवसर पर डीएसजेए के अध्यक्ष अभिषेक ने कहा, “मैं ऐसे प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में खुश हूं क्योंकि हम पेरिस ओलंपिक से पहले हमारे एथलीटों की तैयारियों का जश्न मना रहे हैं और चर्चा कर रहे हैं। दिल्ली खेल पत्रकार संघ और भारतीय खेल प्राधिकरण का सहयोग विशेष है और मैं माननीय खेल मंत्री को भी इतने कम समय में हमारे साथ जुड़ने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। नीरज चोपड़ा द्वारा जीता गया स्वर्ण पदक सही दिशा में एक कदम है और अब हमें उस गति को बनाए रखना है और पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक में अपने प्रदर्शन में सुधार करना है।”
डीएसजेए सचिव सबी हुसैन ने सहमति जताते हुए कहा, “पदक जीतना न केवल एथलीटों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए बहुत सारी भावनाएं लाता है। पेरिस की यात्रा करने वाले भारतीय एथलीट हमारे देश को गौरवान्वित करने के लिए तैयार हैं और इस आयोजन को कवर करने के लिए जिम्मेदार पत्रकारों के रूप में, हम उन्हें राष्ट्रीय ध्वज के साथ पोडियम पर देखने के लिए उत्सुक हैं। हमें पूरा भरोसा है कि हमारे एथलीट पेरिस में अब तक का सर्वश्रेष्ठ पदक हासिल करेंगे।”
इस अवसर पर डॉ. मंडाविया ने ‘पाथवे टू पेरिस’ नामक एक पुस्तिका भी लॉन्च की, जिसमें भारतीय दल के लिए ओलंपिक 2024 की राह पर प्रकाश डाला गया है। भारत से 117 एथलीट पेरिस जाएंगे, जहां ओलंपिक खेल 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होंगे। पैरालंपिक खेल 28 अगस्त से 8 सितंबर तक होंगे।