दुबई। दिल्ली कैपिटल्स पिछले दो मैच हार गया और सनराइजर्स हैदराबाद भी अपने पिछले मैच को गंवा बैठा। दोनों टीमों को केवल एक कारण से इन मैचों में हार मिली। यह कारण था उनकी बल्लेबाजी की नाकामी।
ऐसे में मंगलवार को जब दिल्ली और हैदराबाद आमने सामने होंगे तो स्वाभाविक है कि जिसकी बल्लेबाजी चलेगी उसकी जीत की संभावना बढ़ जाएगी।
हैदराबाद के लिये अब सफर तलवार की धार पर चलने जैसा है। उसके 11 मैचों में चार जीत से केवल आठ अंक है। वह अभी प्लेआफ की दौड़ से बाहर नहीं हुआ है लेकिन उसे इसके लिये अपने बाकी बचे तीनों मैच जीतने होंगे। यही नहीं उसे अन्य मैचों में भी अपने अनुकूल परिणाम की अपेक्षा करनी होगी।
दिल्ली के 11 मैचों में सात जीत से 14 अंक हैं और एक जीत से उसकी प्लेआफ में जगह पक्की हो जाएगी। लेकिन पिछले दो मैचों में दिल्ली को हार का सामना करना पड़ा। शिखर धवन को छोड़कर उसका कोई भी बल्लेबाज नहीं चल पा रहा है। पृथ्वी शॉ, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, शिमरोन हेटमेयर पिछले कुछ समय से लगातार निराश कर रहे हैं।
इससे यह भी साबित हो जाता है कि केवल एक विभाग के मजबूत होने से मैच नहीं जीते जा सकते हैं। दिल्ली का गेंदबाजी विभाग काफी मजबूत है जिसमें कागिसो रबाडा और एनरिच नोर्त्जे जैसे गेंदबाज हैं।
हैदराबाद की टीम तो किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ पिछले मैच में 127 रन का लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पायी थी। मनीष पांडे और विजय शंकर ने एक मैच में दिखाया कि उनका मध्यक्रम खराब नहीं है लेकिन अगले मैच में ही उसकी कलई खुल गयी। डेविड वार्नर और जॉनी बेयरस्टो के आउट होने के बाद टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी। गेंदबाजों के अच्छे प्रयास पर पानी फिर गया।
इसलिए अब जबकि आईपीएल अपने अंतिम पड़ाव पर है तब इन दोनों टीमों के बल्लेबाजों को अपना दम दिखाना होगा तभी वे चैंपियन बनने के बारे में सोच सकते हैं।