- जब रक्षापंक्ति और कभी-कभार मध्यपंक्ति के इस खिलाड़ी ने 2004 में संतोष ट्रॉफी में दिल्ली की टीम को लीड किया, तब सुनील छेत्री उनके उप-कप्तान थे
- दिल्ली ऑडिट में कार्यरत ऋषि राजधानी के विभिन्न क्लबों के लिए खेले और खूब नाम कमाने के बाद कोलकाता के प्रसिद्ध क्लब मोहन बागान के नियमित खिलाड़ी बने
राजेंद्र सजवान
जाने-माने फुटबॉलर, बेहतरीन कोच, मृदुभाषी और खूबसूरती में बेमिसाल ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं रहे। ऋषि 48 वर्ष के थे और अपने पीछे बेटा और पत्नी को छोड़ गए हैंl दिल्ली ऑडिट में कार्यरत ऋषि राजधानी के विभिन्न क्लबों के लिए खेले और खूब नाम कमाने के बाद कोलकाता के प्रसिद्ध क्लब मोहन बागान के नियमित खिलाड़ी बने। रक्षापंक्ति और कभी-कभार मध्यपंक्ति के इस खिलाड़ी ने 2004 में जब संतोष ट्रॉफी में दिल्ली की टीम को लीड किया तो उभरते खिलाड़ी और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील छेत्री उनके उप-कप्तान के रूप में टीम में शामिल थे। टीम के कोच सुखपाल बिष्ट और सहायक कोच चमन भंडारी थे।
ऋषि कपूर ने राष्ट्रीय फुटबॉल में विभिन्न बड़े क्लबों से खेलते हुए बड़ी छाप छोड़ी। खेल प्रतिभा के दम पर दिल्ली ऑडिट में कार्यरत हुए और अपने विभाग के लिए कई यादगार जीतों में अहम भूमिका निभाई। दुर्भाग्यवश दिल्ली ऑडिट ने पिछले कुछ सालों में अपने कई स्टार फुटबॉलरों को खोया है, उनमें से ज्यादातर लीवर खराब होने या अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार हुए और सेवानिवृत होने से पहले ही स्वर्ग सिधारे। बरुआ, मातवीर बिष्ट, सुभाष नेगी, कुजूर, बच्चन सिंह और अब ऋषि का असमय जाना दुखद तो रहा साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि दृढ़ता के प्रतीक माने जाने वाले खिलाड़ी कैसे कमजोर पड़ रहे हैं? ऐसी कौन सी बीमारी या व्यसन है, जोकि उन्हें मौत के करीब ले जा रहा है! जहां तक ऋषि की बात है तो उनके बारे में यह कहा जाता है की वे फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर से भी ज्यादा फिट और खूबसूरत थे। साथ ही उच्च स्तर के खेल कौशल के भी धनी रहे।