September 13, 2025

sajwansports

sajwansports पर पड़े latest sports news, India vs England test series news, local sports and special featured clean bold article.

सर्वश्रेष्ठ क्यों है रोनाल्डो?

  • क्योंकि क्रिस्टियानो रोनाल्डो सोलह कलाओं में पूर्ण है और उसका उम्र के साथ साथ कद भी बढ़ा
  • 40 पार का ऐसा जुनूनी स्ट्राइकर पहले देखने में नहीं आया
  • आलोचक यह क्यों भूल जाते हैं कि उसने अपने गोलों की संख्या बढ़ाकर करोड़ों देने वाले क्लबों और अपने देशपुर्तगाल को मालामाल किया है

राजेंद्र सजवान

‘‘क्रिस्टियानो रोनाल्डो एक स्वार्थी खिलाड़ी है और वह टीम की बजाय सिर्फ अपने रिकॉर्ड, अपनी प्रसिद्धी, दौलत कमाने और उसमें से एक छोटा सा हिस्सा गरीबों में बांटकर वाहवाही लूटने वाला चालबाज है,’’ हाल ही में एक मान्य संस्था द्वारा उसे सर्वकालीन श्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किए जाने पर बहुत से तथाकथित फुटबॉल प्रेमियों ने इस प्रकार के आरोप लगाए हैं। उसके गोलों पर उंगली उठाते हुए यह भी कहा गया है कि उसका ध्यान सिर्फ पेनल्टी हासिल करने या साथी खिलाड़ियों द्वारा अर्जित पेनल्टी पर गोल दागने पर रहता है।  उसे लियोनेल मेसी की तुलना में कमतर भी आंका गया है।

   बेशक, मेसी की श्रेष्ठता पर किसी को एतराज नहीं होना चाहिए। उसके नाम अनेकों रिकॉर्ड है, जिनमें विश्व कप जीतना भी शामिल है। पेले, माराडोना, जिदान, रोनाल्डो सीनियर और दर्जन भर अन्य खिलाड़ी भी रोनाल्डो की क्लास के या उससे बेहतर आंके जा सकते हैं। लेकिन रोनाल्डो को सिर्फ उसके गोल श्रेष्ठ नहीं बनाते। उसकी बहुत सी खूबियां इंसानी कमजोरी भले ही हो सकती है लेकिन यह कहना है कि वह स्वार्थी खिलाड़ी है और सिर्फ अपने गोलों की संख्या बढ़ाने पर नजर गड़ाए रहता है, कदापि ठीक नहीं है।

   दुनिया भर के फुटबॉल प्रेमियों, विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाओं पर गौर करें तो उनमें से ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो कि फुटबॉल के अंधभक्त हैं, और अर्जेंटीना, स्पेन, ब्राजील, फ्रांस, इंग्लैंड, जर्मनी जैसे देशों से हैं, जिनकी बादशाहत को रोनाल्डो ने अनेकों बार ध्वस्त किया है। हैरानी वाली बात यह है कि रोनाल्डो को नीचा दिखाने वाली कड़ी में सैकड़ों भारतीय फुटबॉल प्रेमी भी है, जिनमें बड़ी संख्या उनकी है, जिन्हें 133वें रैंक की भारतीय फुटबॉल टीम ‘ब्लू टाइगर्स’ और ‘ब्लू टाइग्रेस’ नजर आती है।

   बेशक, रोनाल्डो स्वार्थी खिलाड़ी है और उसकी नजर सिर्फ अपने गोलों की संख्या बढ़ाने और अधिकाधिक ट्रॉफियों पर अपना और पुर्तगाल का नाम गुदवाने पर रहती है। लेकिन यह क्यों भूल जाते हैं कि उसने अपने गोलों की संख्या बढ़ाकर करोड़ों देने वाले क्लबों और  अपने देशपुर्तगाल को मालामाल किया है। ‘पसंद अपनी-अपनी लेकिन रोनाल्डो सा कोय नहीं।’ आलोचना करने वाले यह क्यों भूल जाते हैं कि फॉरवर्ड लाइन के खिलाड़ी का सबसे पहला काम गोल करना होता है जिसमें रोनाल्डो पारंगत है। यही काम मेसी और कई अन्य फॉरवर्ड भी कर रहे हैं। लेकिन 40 पार का ऐसा जुनूनी स्ट्राइकर पहले देखने में नहीं आया। परिवार और देश का नाम रोशन करने के वाले इस महान योद्धा ने दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल को जो परिभाषा दी है उसका नाम ‘रोनाल्डो द ग्रेटेस्ट’ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *