June 16, 2025

sajwansports

sajwansports पर पड़े latest sports news, India vs England test series news, local sports and special featured clean bold article.

गोल ऑफ द सेंचुरी दागा तो कुछ ने प्लेयर ऑफ द सेंचुरी भी आंका।

Arzentina footballer Diego Maradona

क्लीन बोल्ड/ राजेन्द्र सजवान

एक ,दो, तीन ….और कुल छह अंग्रेज खिलाड़ियों को छकाते हुए जब माराडोना ने विश्व के महान गोलकीपर पीटर शिल्टन को चित करते हुए गोल दागा तो स्टेडियम में मौजूद सवा लाख फुटबाल प्रेमी और करोड़ों टीवी दर्शक एक क्षण के लिए जैसे सन्न रह गए थे। ऐसा गोल शायद ही किसी ने पहले कभी देखा हो। 1986 के वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना ने इंग्लैंड पर जब पहला गोल किया तो माराडोना के इस गोल को धोखाधड़ी कहा गया, क्योंकि गोल हैड से नहीं हैंड (हाथ)से किया गया था। लेकिन दूसरा गोल अभूतपूर्व था जिसे ‘गोल ऑफ द सेंचुरी’ आंका गया। इस गोल ने माराडोना को पेले महान की टक्कर पर ला खड़ा किया।

इसमें दो राय नहीं कि ब्राज़ील के पेले महान फुटबाल इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं, जिन्होने अपने देश के लए तीन विश्व खिताब जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई| उन्हें श्रेष्ठ आँकने वाले एक्सपर्ट्स,पूर्व खिलाड़ी और फुटबाल समीक्षक यह भी मानते हैं कि पेले की श्रेष्ठता को चुनौती देने वाला एक और सिर्फ़ एक खिलाड़ी अर्जेंटीना का महानतम फुटबालर डियागो माराडोना था, जोकि जीवन के साठ साल पूरे करने के बाद अंतिम यात्रा पर निकल गया है।

यह सही है कि पेले का रिकार्ड माराडोना की तुलना में कहीं बेहतर है पर माराडोना के प्रशंसक मानते हैं कि यदि माराडोना के साथ 1992 के फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप में धोखाधड़ी नहीं हुई होती तो फुटबाल जगत में उसका कद पेले से बड़ा या लगभग बराबरी का हो सकता था| 30 अक्तूबर 1960 को लानुस, ब्यूनस आयर्स में जन्में इस खिलाड़ी को जब “फ़ीफ़ा प्लेयर आफ द सेंचुरी” आँका गया तो कुछ लोगों को यह फ़ैसला नागँवार गुजरा था| फिरभी उन्हें पेले के साथ पुरस्कार में साझेदारी का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जोकि बहुत बड़ी बात है|

हालाँकि अर्जेंटीना और विश्व फुटबाल के बहुत से फुटबाल प्रेमी बार्सिलोना क्लब के स्टार खिलाड़ी ल्यों मेस्सी को माराडोना से बेहतर आँकते हैं पर एक बड़ा वर्ग यह मानने के लए कतई तैयार नहीं है कि माराडोना से मेस्सी की तुलना की जाए, क्योंकि एक ने अपने दम पर अर्जेंटीना को विश्व विजेता बनाया तो दूसरा स्पेन के एक चैम्पियन क्लब का सबसे भरोसे का खिलाड़ी है| बेशक, मेस्सी की कलाकारी का जवाब नहीं| उसने अनेक अवसरों पर देश के लिए भी शानदार प्रदर्शन किया पर माराडोना जैसा करिश्मा वह फिलहाल नहीं कर पाया है|

अपने पेशेवर करीयरके दौरान माराडोना ने अर्जेंटिनोस जूनियर, बोका जूनियर्स, बार्सिलोवना, नेपोली, सेविला जैसे नामी क्लबों को सेवाएँ दीं और गोलों की झड़ी लगाई| लेकिन वह 1986 में कीर्ति शिखर चूमने में सफल रहे| उनकी कप्तानी में अर्जेंटीना ने विश्व कप तो जीता ही, माराडोना को टूर्नामेंट का श्रेष्ठ खिलाड़ी भी आँका गया और गोल्डन बाल पुरस्कार के हकदार भी बने| टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड पर मिली २-1 की जीत में उनका रोल सबसे अहम रहा| इस मुक़ाबले में उन्होने “हैंड आफ गॉड” और “द गोल आफ द सेंचुरी” की रचना की और खूब नाम कमाया|

लेकिन तमाम खूबियों के बावजूद माराडोना इंसानी कमज़ोरियों के शिकार रहे और खेल इतिहास के सर्वाधिक विवादास्पद खिलाड़ियों में शुमार किए गए| 1991 में इटली में कोकीन के लए डोपिंग परीक्षण में विफल होने के बाद उन्हें 15 महीनों के लिए निलंबन झेलना पड़ा| लेकिन 1994 का फ़ीफ़ा विश्व कप उनके चमकदार करियर पर दाग लगा गया| एफेड्रिन का सेवन करने के चलते उन्हें अमेरिका से बीच टूर्नामेंट में निकाल दिया गया| इस घटना ने उनके खेल जीवन को आघात ज़रूर पहुँचाया लेकिन मरोड़ोना के दीवाने इसे अमेरिका की चाल बताते हैं|

बेशक, वह एक जिंदादिल इंसान, मानवीय कमजोरियों से लबालब और फुटबॉल की कलाकारी में सिद्धहस्त थे। फुटबाल को पूजने वाले उन्हें भगवान का दर्जा देते हैं।

1 thought on “गोल ऑफ द सेंचुरी दागा तो कुछ ने प्लेयर ऑफ द सेंचुरी भी आंका।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *