- महिला वर्ग में मैरी कॉम, लालबुत्साही, पूजा और अनुपमा भी फाइनल में जगह बना चुकी हैं
- रविवार और सोमवार को होने वाले हैं फाइनल मुकाबले
एशियाई चैम्पियशिप के मौजूदा विजेता भारत के अमित पंघल ने शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है। पंघल लगातार दूसरी बार इस चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचे हैं।
मौजूदा एशियाई खेल चैम्पियन और टाप सीड पंघल का सेमीफाइनल में सामना तीसरे सीड कजाकिस्तान के साकेन बिबोसिनोव से हुआ। पंघल ने 5-0 के अंतर से जीत हासिल की। पंघल ने 2019 विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में भी साकेन को हराया था। फाइनल में पंघल का सामना मंगोलिया के ओरखोनटुंगालाग उनूबोल्ड से होगा, जिन्होंने पहले सेमीफाइनल में उजबेकिस्तान के मिर्जाखेदोव नोदीरजोन को हराया।
इस जीत के साथ पंघल ने अपने लिए कम से कम रजत पदक सुरक्षित कर लिया है। मजेदार बात यह है कि एशियाई चैम्पियनशिप में पंघल तीनों रंगों के पदकों पर कब्जा कर चुके हैं। 2017 में ताशकंद में पंघल ने लाइट फ्लाइवेट कटेगरी में हिस्सा लेते हुए कांस्य जीता था। 2019 में बैंकाक में हालांकि पंघल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।
इससे पहले, छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम (51 किग्रा) ने गुरुवार को भारत की तीन और भारतीय महिला मुक्केबाजों- पूजा रानी (75 किग्रा), अनुपमा (+81 किग्रा) और लालबुतसाही (64 किग्रा) के साथ टूर्नामेंट फाइनल में प्रवेश किया। गत चैंपियन पूजा को मंगोलिया की मुंखबत के खिलाफ वॉक-ओवर मिला।
जबकि गुरुवार की देर रात खेले गए अन्य अंतिम -4 मुकाबलों में, उनकी विरोधी कुवैत की नूरा अलमुतारी द्वारा भारतीय के लगातार हमलों के कारण दूसरे राउंड में ही बाउट को छोड़ने के बाद लालबुत्साही को विजेता घोषित किया गया था। अनुपमा (+81 किग्रा) ने भी उज्बेकिस्तान की मोखिरा अब्दुल्लाएवा के खिलाफ जीत हासिल की।
इस बीच, 54 किग्रा में एक काफी दुखद घटना हुई। दो बार की युवा विश्व चैंपियन साक्षी चौधरी, जिन्हें शुरू में विजेता घोषित किया गया था, को फाइनल से हटना पड़ा। उनकी प्रतिद्वंद्वी दीना जोलामन द्वारा अंतिम राउंड के फाइट की समीक्षा करने की अपील के बाद साक्षी को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा क्योंकि जूरी ने कजाख मुक्केबाज के दावे को बरकरार रखा और उसके पक्ष में परिणाम दिया।
सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा) मोनिका (48 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) अन्य महिला मुक्केबाज हैं, जिन्हें अपने-अपने वर्ग में संघर्ष के बाद सेमीफाइनल में हार मिली और इस तरह इन चारों को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
इस प्रतिष्ठित आयोजन में भारत अब 15 पदक सुरक्षित कर चुका है।
यह इस चैम्पियनशिप में भारतीय दल का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। बैंकॉक में 2019 मे आयोजित संस्करण से भारत ने कुल 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे। भारत तीसरे स्थान पर रहा था।
इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ( एआईबीए) ने एशिया के इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए 4,00,000 अमेरीकी डालर की पुरस्कार राशि आवंटित की है। पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा। महिला और पुरुष वर्ग के फाइनल मैच क्रमश: शनिवार और रविवार को होंगे।
इस आयोजन में अब भारत, उज्बेकिस्तान, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाज अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। शुरुआत में इस टूर्नामेंट में 27 से अधिक देशों की भागीदारी की उम्मीद थी। हाल ही में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण, हालांकि कुछ देश इसमें भाग नहीं ले सके।
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