खिताबी मुकाबले में कस्टम का पलड़ा भारी, लेकिन खाद्य निगम भी कम नहीं

  • बुधवार को शाम चार बजे खेला जाएगा दोनों टीमों के बीच डीएसए सांस्थानिक फुटबॉल लीग का फाइनल मैच

संवाददाता   

डीएसए सांस्थानिक फुटबॉल लीग का खिताब यदि कस्टम एंड एक्साइज जीत जाए तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। इसलिए क्योंकि खिताबी भिड़ंत उस भारतीय खाद्य निगम से है जिसका कभी नाम था। लेकिन अब  खिलाड़ियों की बढ़ती उम्र आड़े आ सकती है।  57 साल के भूपेंद्र रावत,  पचास पार के त्रिलोक बिष्ट और खालिद और कई अन्य बड़ी उम्र के खिलाड़ियों पर टीम के नामी कोच रवि राणा अब भी भरोसा कर रहे हैं क्योंकि उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है।

 

  दूसरी तरफ कस्टम के खेमे में दिल्ली का   सबसे शातिर स्ट्राइकर मिहिप अधिकारी है, जिसके खाते में गोल जमाने के कई रिकॉर्ड हैं। तारीफ की बात यह है कि उसने एक मैच में 14 गोल करने का रिकॉर्ड भी बनाया था।  राणा जानते हैं कि महिप, रिपु दमन और खालिद और चड्ढा को रोक लिया तो बाजी खाद्य निगम के हाथ लग सकती है।

खाद्य निगम के खेमे में कमल रावत, पीयूष भंडारी, आशुतोष जैसे खिलाड़ी टीमको मजबूती देते हैं। कुल मिलाकर मुकाबला अपेक्षाकृत युवा और अनुभव के बीच है। खाद्य निगम यदि महिप को रोक पाई और उसके गोली सचिन झा ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया तो पांसा पलट भी सकता। वैसे पलड़ा तो कस्टम का भारी हैं।

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