- तीसरे स्थान पर वाटिका है, जिसके 29 अंक हैं और मात्र 13 मैच खेले हैं
- भले ही रॉयल रेंजर्स और सीआईएसएफ प्रोटेक्टर्स 30-30 अंक अंक जुटाकर तालिका में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर चल रहे हैं, लेकिन दोनों ने 31 दिसम्बर तक क्रमश: 15 और 17 मैच खेले
- दूसरी प्रीमियर लीग में गढ़वाल, सुदेवा एफसी और दिल्ली एफसी कसौटी पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं
- रिजवान-उल-हक की चेयरमैनशिप में गठित लीग सब-कमेटी ने मैचों का संचालन बखूबी किया
- इस आयोजन की अब तक की कामयाबी का बड़ा श्रेय अनुभवी हरगोपाल को जाता है जो कि लीग कमेटी के कन्विनर हैं और समय के महत्व को बखूबी समझते हैं
राजेंद्र सजवान
दिल्ली प्रीमियर लीग (डीपीएल) का दूसरा संस्करण लगभग तीन चौथाई सफर पूरा कर चुका है। इस दौरान कुछ उठापटक वाले नतीजे भी देखने को मिले लेकिन एक बात तय है कि पहले संस्करण की तुलना में डीपीएल 2023-24 फ्लॉप शो रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्वालिटी फुटबॉल के दर्शन कम ही हुए हैं। इस बार लीग शुरू होने के साथ ही शक और संदेह के घेरे में रही है। मैच देखने वाले दर्शकों की तादाद लगातार घटी है लेकिन हर किसी की जुबान पर मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी जैसे लांछन भरे शब्द रहे, जिन्हें साबित करना आसान नहीं है।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि रिजवान-उल-हक की चेयरमैनशिप में गठित लीग सब-कमेटी ने मैचों का संचालन बखूबी किया। आयोजन की अब तक की कामयाबी का बड़ा श्रेय अनुभवी हरगोपाल को जाता है जो कि लीग कमेटी के कन्विनर हैं और समय के महत्व को बखूबी समझते हैं। टीम सदस्य नईम और राजेश जझारिया भी अपना रोल अच्छे से निभाते आए हैं। लेकिन दिल्ली एफसी द्वारा मैच दर मैच सात खिलाड़ी उतारना लीग को शर्मसार कर रहा है।
डीएसए दिल्ली प्रीमियर लीग के अब तक के नतीजों पर सरसरी नजर डालें तो पहले संस्करण की विजेता वाटिका एफसी सधे हुए कदमों से आगे बढ़ रही है। भले ही रॉयल रेंजर्स और सीआईएसएफ प्रोटेक्टर्स अंकों के हिसाब से तालिका में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर चल रहे हैं। दोनों टीमों ने 31 दिसम्बर तक क्रमश: 15 और 17 मैच खेलकर 30-30 अंक जुटाए हैं। तीसरे स्थान पर वाटिका है, जिसके 29 अंक हैं और मात्र 13 मैच खेले हैं।
पिछली उप-विजेता गढ़वाल हीरोज के 15 मैचों में 27 अंक हैं और वो खिताबी दौड़ में पिछड़ रही है। सुदेवा एफसी, फ्रेंड्स यूनाइटेड, दिल्ली एफसी और भारतीय वायुसेना (दिल्ली) का संघर्ष जारी है। अहबाब, तरुण संघा और रेंजर्स एफसी रेलिगेशन से बचने के लिए जोर लगा रहे हैं। इनमें से कोई एक ही बच सकता है। दूसरी प्रीमियर लीग में गढ़वाल, सुदेवा एफसी और दिल्ली एफसी कसौटी पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं लेकिन सीआईएसएफ प्रोटेक्टर्स और फ्रेंड्स यूनाइटेड ने शुरुआती झटकों के बाद दमदार वापसी की है।