- शुक्रवार सायं डीएसए का होली मिलन आयोजन के दौरान डीएसए काउंसिल मेंबर्स और एक्जीक्यूटिव कमिटी के सदस्यों की टीमों के बीच दोस्ताना मैच खेला गया, जिसे एक्जीक्यूटिव कमिटी ने कड़े संघर्ष के बाद 2 -1 से जीता
- पूर्व सचिव नरेंद्र भाटिया ने कहा कि दिल्ली की फुटबॉल में गतिविधियां बढ़ना सराहनीय है लेकिन अनुशासनहीनता भी बढ़ रही है खासकर, असामाजिक तत्वों की घुसपैठ हो रही है जो कि शर्मनाक है
- वरिष्ठ अधिकारियों हेमचंद और जगदीश मल्होत्रा को लगता है कि दिल्ली की फुटबॉल सही ट्रैक पर है लेकिन बड़ी जरूरत राजधानी के अपने खिलाड़ियों को अधिका मौके मुहैया कराने की है
- वरिष्ठ पत्रकार, खिलाड़ी और डीएसए मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेंद्र सजवान की राय में दिल्ली की फुटबॉल की बुनियाद हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे पर टिकी है और नई व पुरानी दिल्ली के सभी क्लब इस परंपरा को लगातार निभाते आ रहे हैं।
- डीएसए अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने इस प्रकार के सद्भावना आयोजनों को मनाते रहने पर जोर दिया
राजेंद्र सजवान
इसमें कोई शक नहीं कि देश की राजधानी दिल्ली की फुटबॉल में गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। दिल्ली प्रीमियर लीग के बाद सीनियर डिवीजन लीग शुरू हो चुकी है। तत्पश्चात ए और बी डिवीजन मुकाबलों का आयोजन किया जाना है। स्कूल कॉलेज के साथ-साथ कई आयु वर्गों के आयोजन भी चल रहे हैं। अर्थात डीएसए और उसकी आयोजन समितियां पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा व्यस्त हैं। ऐसे में डीएसएस पदाधिकारियों, सदस्यों और आयोजन समितियों को विश्राम और मनोरंजन के लिए वक्त चाहिए ताकि नई स्फूर्ति और ऊर्जा के साथ तरोताजा होकर काम में जुट जाएं। शुक्रवार सायं सीनियर डिवीजन लीग मैचों के बाद डीएसए का होली मिलन आयोजन कुछ इसी नीयत के साथ किया गया, जिसमें डीएसए काउंसिल मेंबर्स और एक्जीक्यूटिव कमिटी के सदस्यों की टीमों ने भाग लिया।
दोस्ताना मुकाबला एक्जीक्यूटिव कमिटी ने कड़े संघर्ष में 2 -1 से जीता। विजेता टीम के लिए डीएसए अध्यक्ष अनुज गुप्ता और विजेंद्र ने गोल जमाए जबकि पराजित टीम का गोल हरजिंदर चौहान ने किया। हालांकि काउंसिल मेंबर्स ने अधिकांश समय दबदबा बनाया लेकिन गोलकीपर सुनील दत्त ने कई सुंदर बचाव किए। वरिष्ठ अधिकारियों नरेंद्र भाटिया, हेमचंद, जगदीश मल्होत्रा, पत्रकार राजेंद्र सजवान की देखरेख में गठित कमिटी ने सुनील दत्त को प्लेयर ऑफ द मैच आंका। मैच के बाद रात्रि भोज, होली मिलन और पुरस्कार वितरण किया गया।
इस अवसर पर डीएसए के पूर्व सचिव नरेंद्र भाटिया ने एक साक्षात्कार में कहा कि दिल्ली की फुटबॉल में गतिविधियां बढ़ना सराहनीय है लेकिन अनुशासनहीनता भी बढ़ रही है। खासकर, असामाजिक तत्वों की घुसपैठ हो रही है, जो कि शर्मनाक है। हेमचंद और जगदीश मल्होत्रा जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को लगता है कि दिल्ली की फुटबॉल सही ट्रैक पर है। लेकिन बड़ी जरूरत दिल्ली के अपने खिलाड़ियों को अधिकाधिक मौके मुहैया कराने की है। वरिष्ठ पत्रकार, खिलाड़ी और डीएसए मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेंद्र सजवान की राय में दिल्ली की फुटबॉल की बुनियाद हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे पर टिकी है। नई और पुरानी दिल्ली के सभी क्लब इस परंपरा को लगातार निभाते आ रहे हैं। सभी होली और ईद को मिल-जुल कर मनाते हैं। डीएसए अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने इस प्रकार के सद्भावना आयोजनों को मनाते रहने पर जोर दिया।