अंजू बॉबी जॉर्ज को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
मनु भाकर को इमर्जिंग प्लेयर अवॉर्ड
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड (BBC ISWOTY) के दूसरे संस्करण की विजेता शतरंज खिलाड़ी इंटरनेशनल ग्रैंड मास्टर कोनेरू हम्पी बनी हैं. पब्लिक वोटिंग के आधार पर उन्हें विजेता घोषित किया गया है|
जाने-माने खेल पत्रकारों और विशेषज्ञों की जूरी ने इस अवॉर्ड के लिए पाँच भारतीय महिला खिलाड़ियों को नॉमिनेट किया था. ये थीं- एथलीट दुती चंद, शतरंज चैंपियन कोनेरू हम्पी, शूटर मनु भाकर, पहलवान विनेश फोगाट और भारतीय महिला फ़ील्ड हॉकी टीम की मौजूदा कप्तान रानी रामपाल|
कोनेरू हम्पी वर्ल्ड रैपिड चेस चैंपियनशिप की मौजूदा विजेता हैं. यह ख़िताब उन्होंने साल 2019 में दो साल के मातृत्व अवकाश के बाद जीता था. इसके साथ ही वो केयर्न्स कप 2020 की भी विजेता हैं.अवॉर्ड जीतने बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कोनेरू हम्पी ने कहा, “यह अवॉर्ड बेहद क़ीमती है, न सिर्फ़ मेरे लिए बल्कि शतरंज से जुड़ी पूरी बिरादरी के लिए. शतरंज एक इनडोर गेम है इसलिए भारत में क्रिकेट की तरह इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जाता|
लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस अवॉर्ड के बाद शतरंज की ओर लोगों का ध्यान जाएगा.”
नई महिला खिलाड़ियों को सलाह देते हुए हम्पी ने कहा कि बिना परिणामों की चिंता किए ‘सिर्फ़ खेल का आनंद लीजिए.’उन्होंने कहा, “इसे अंत तक ले जाने की कोशिश करिए और ख़ुद में विश्वास रखिए. आपको आपना सम्मान और पहचान ख़ुद बनानी होती है, आत्मविश्वास बनाए रखिए और लक्ष्य साधे रखिए|”
कोनेरू हम्पी का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था. अभी वो विजयवाड़ा में रहती हैं. हम्पी की शतरंज प्रतिभा को उनके पिता ने बचपन में ही पहचान लिया था. साल 2002 में 15 साल की उम्र में ही ग्रैंड मास्टर बनकर उन्होंने अपनी प्रतिभा साबित कर दी थी. यह एक रिकॉर्ड था, जिसे 2008 में चीन की हाउ यीफैन ने तोड़ा|
वह कहती हैं, “मुझे लगता है कि मैं वर्षों तक इसलिए जीतती रही क्योंकि मेरे अंदर इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास है. एक महिला खिलाड़ी को कभी भी अपना खेल छोड़ने के बारे में नहीं सोचना चाहिए. शादी और मातृत्व सिर्फ़ ज़िंदगी का एक हिस्सा हैं. इसके लिए महिला खिलाड़ियों को अपनी ज़िंदगी की धारा नहीं मोड़ देनी चाहिए|”
बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टिम डेवी ने वर्चुअल अवॉर्ड समारोह की मेज़बानी की और विजेता के नाम का ऐलान किया.उन्होंने कहा, “इस साल का बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन अवॉर्ड जीतने के लिए कोनेरू हम्पी को बहुत बधाई. कोनेरू ने शतरंज को अपना शानदार योगदान दिया है और वह तारीफ़ की वास्तविक हक़दार हैं. मुझे ख़ुशी है कि बीबीसी भारतीय महिला खिलाड़ियों की सफलता को मान्यता देने के काम की अगुआई कर रहा है|
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन अवॉर्ड (ISWOTY) सिर्फ एक अवॉर्ड नहीं है. यह हमारी संपादकीय प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिसके तहत हम समाज की सभी आवाज़ों और लोगों का प्रतिनिधित्व चाहते हैं. इससे हमारी पत्रकारिता इस दुनिया की ईमानदार और निष्पक्ष तस्वीर दिखा सकेगी|”
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड की शुरुआत 2019 में हुई थी ताकि देश की सबसे अच्छी महिला खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा सके और भारत में महिला खिलाड़ियों के सामने आने वाली चुनौतियों और मुद्दों को सामने लाया जा सके|
अंजू बॉबी जॉर्ज को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भारतीय खेलों में उनके शानदार योगदान और खेलों की दुनिया में नाम कमाने की हसरत रखने वाले खिलाड़ियों को प्रेरित करने के लिए दिया गया. वह अकेली भारतीय एथलीट हैं, जिन्होंने 2003 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीता था|
लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड लेने के बाद अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा, “इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड को पाकर मैं बेहद ख़ुश हूँ. इतनी ज़्यादा ख़ुश कि अपनी भावनाएं भी व्यक्त नहीं कर पा रही हूँ. अपनी पूरी खेल यात्रा के दौरान मैं काफ़ी खुशकिस्मत रही हूँ. मेरे माता-पिता और पति के समर्थन के बग़ैर मेरे लिए इतनी सफलता हासिल करना मुश्किल था. ये लोग हमेशा साथ खड़े रहे. इनके बग़ैर मैं आज इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाती|
मैंने विपरीत परिस्थितियों का भी सामना किया और उनसे बाहर भी निकल आई लेकिन इसने मुझे सिखाया कि कड़ी मेहनत और लगन का कोई विकल्प नहीं है. सही प्रेरणा और इच्छाशक्ति से सब कुछ संभव है|”
व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले एकमात्र भारतीय, निशानेबाज़ अभिनव बिंद्रा ने अंजू बॉबी जॉर्ज के नाम का ऐलान किया इसके अलावा इमर्जिंग प्लेयर अवॉर्ड की घोषणा इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी बेन स्टोक्स ने की.निशानेबाज़ मनु भाकर को ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर’ श्रेणी के लिए चुना गया है. इस श्रेणी को पहली बार अवॉर्ड सेरेमनी में शामिल किया गया है|
वर्चुअल सेरेमनी के दौरान मनु ने कहा, “मेरे लिए यह अवॉर्ड काफ़ी मायने रखता है. मुझे लगता है कि इसके ज़रिए मेरी कड़ी मेहनत को मान्यता मिली है. लोगों को अब इसके बारे में पता चल गया है. लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड पाने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज से यह अवॉर्ड हासिल करके वास्तव में ऐसा लग रहा है कि एक उभरती प्रतिभा को प्रोत्साहित किया जा रहा है|”
मनु भाकर आईएसएसएफ़ में गोल्ड मेडल जीतने वालीं सबसे कम उम्र की भारतीय निशानेबाज़ हैं19 वर्षीय भाकर ने 16 साल की उम्र में ही इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फ़ेडरेशन (आईएसएसएफ़) वर्ल्ड कप, 2018 में दो गोल्ड मेडल जीत लिए थे. इसके बाद उन्होंने यूथ ओलंपिक गेम्स में एक गोल्ड मेडल और उसी साल कॉमनवेल्थ गेम्स में एक गोल्ड मेडल जीता.भाकर आईएसएसएफ़ में गोल्ड मेडल जीतने वालीं सबसे कम उम्र की भारतीय निशानेबाज़ हैं|
नई दिल्ली में आयोजित हुई इस वर्चुअल अवॉर्ड नाइट में बीबीसी की डायरेक्टर ऑफ़ न्यूज़ फ्रैन अन्सवर्थ ने भी शिरकत की. उन्होंने दूसरे बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन अवॉर्ड समारोह का हिस्सा बनने पर ख़ुशी जताई.उन्होंने बताया कि पहली बार आयोजित बीबीसी स्पोर्ट्स हैकाथॉन का नतीजा देखना शानदार था.इसके तहत 18 फ़रवरी को विकिपीडिया में सात भाषाओं में 50 भारतीय महिला खिलाड़ियों की खेल यात्रा पर 300 एंट्री जोड़ी गई थीं. यह बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन अवॉर्ड का स्पेशल फ़ीचर था|
वर्चुअल समारोह में 4 बार की पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियन पारुल परमार ने भी मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की. उनके अलावा माउंट एवरेस्ट पर दो बार चढ़ने वालीं पहली महिला संतोष यादव भी इस समारोह में वर्चुअली शामिल हुई।
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन अवॉर्ड में पांच महिला खिलाड़ियों को फ़रवरी में नॉमिनेट किया गया था. इनको एक ज्यूरी ने नॉमिनेट किया था जिसमें प्रसिद्ध खेल पत्रकार, लेखक और विशेषज्ञ शामिल थे।
इस बार के सीज़न में पांच भारतीय महिला खिलाड़ियों की प्रेरक कहानियां भी शामिल थीं जिन्होंने सभी मुश्किलों को पार पाकर कामयाबी हासिल की। इस ‘चेंजमेकर’ नामक सिरीज़ में पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पारुल परमार, हेप्टाथलीट स्वप्ना बर्मन, पैरा स्केटर प्रियंका दीवान, पूर्व खो-खो खिलाड़ी सारिका काले और कुश्ती खिलाड़ी दिव्या काकरन की कहानियां शामिल थीं।