Bajrang Punia and Vinesh Phogat has the quality to win gold in Tokyo Olympics

नंबर के खेल में बजरंग और विनेश ने बाजी मारी।

क्लीन बोल्ड / राजेन्द्र सजवान

टोक्यो ओलम्पिक में कौन कौन से खिलाड़ी पदक के दावेदार हैं, इसका जवाब देने का जोखिम कोई भी आधिकारी , कोच, खेल मंत्रालय के बोस और अन्य ज़िम्मेदार लोग नहीं उठाना चाहते। यह सही है कि भारतीय उम्मीदें बैडिंटन, कुश्ती, मुक्केबाज़ी, निशानेबाज़ी और कुछ हद तक पुरुष हॉकी टीम पर टिकी हैं।बैडमिंटन में रियो की सिल्वर पदक विजेता पीवी सिंधु, मुक्केबाज़ी में मैरिकाम, निशानेबाज़ी और कुश्ती में कई एक पर नज़रें रहेंगी।

लेकिन हाल के कुछ प्रदर्शनों पर नज़र डालें तो पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट पर भरोसा कुछ ज़्यादा ही है। ऐसा उनका हाल का प्रदर्शन और कुश्ती पंडितों का आकलन है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई भारतीय पुरुष और महिला पहलवाल नंबर एक पर हों।

रियो ओलंपिक में विनेश का भाग्य दगा दे गया था जबकि वह पदक की बड़ी दावेदार थी लेकिन चीनी पहलवान के विरुद्ध चोट खा बैठी। हालाँकि फोगाट बहनें हमेशा से सुर्ख़ियों में रही हैं। गीता, बबीता ने ख़ासकर शानदार प्रदर्शन किया लेकिन विनेश कुछ हटकर रही है|। फोगाट बहनों में विनेश की उपलब्धियाँ बढ़ चढ़ कर रही हैं। यदि वह टोक्यो में कोई पदक जीत जाती है तो फोगाट परिवार के लिए यह उपलब्धि अभूतपूर्व रहेगी।

53 किलो भार वर्ग में कीव और रोम में लगातार दो स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही विनेश विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुँच गई है। अब अप्रैल में होने वाली एशियन चैंपियनशिप पर उसकी नज़र रहेगी। वह एशियाड और कामनवेल्थ चैंपियनशिप की स्वर्ण विजेता है। 2018 में उसने कामनवेल्थ और एशियाई खेलों में क्रमश: 48 और 50 किलो में स्वर्णिम प्रदर्शन किया था। विश्व चैंपियनशिप में भी पदक जीत चुकी है और ओलम्पिक पदक के लिए दृढ़ संकल्प है।

बजरंग पूनिया एशियाई खेलों और कामनवेल्थ के स्वर्ण विजेता हैं। उनके पास भी विनेश की तरह हर विश्व स्तरीय मुक़ाबले का पदक है और वह भी ओलम्पिक पदक के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। विनेश की तरह वह भी ओलंपिक पदक की बड़ी उम्मीद माना जा रहा है। दोनों ही वर्ल्ड नंबर एक पर काबिज हैं और रिश्ते में जीजा साली हैं।

कोविद के चलते, खिलाड़ियों के लिए खेल मैदानों पर ताले लग गए थे और पहलवान बिना किसी जोड़ी दार के अभ्यास नहीं कर पा रहे थे, पूनिया और फोगाट परिवारों ने बजरंग और संगीता को विवाह बंधन में बाँध दिया। शादी के बाद बजरंग पहले से बेहतर रंगत में है तो कोरोना से निपटने बाद विनेश भी श्रेष्ठ फार्म के करीब है। तारीफ की बात यह है कि दोनों ही आक्रामक कुश्ती में विश्वास करते हैं।

भारतीय कुश्ती फ़ेडेरेशांके अध्यक्ष और देश के जाने माने कोच और गुरु खलीफा मानते हैं कि बजरंग और विनेश किसी भी भारतीय खिलाड़ी की तुलना में बेहतर पदक उम्मीद आँके जा सकते हैं। हालाँकि फ़ेडेरेशन अध्यक्ष ब्रज भूषण कुश्ती में पाँच से छह पदक की उम्मीद कर रहे हैं। बजरंग और विनेश के हाल की फार्म ने उनके हौंसले बढ़ाए हैं। उन्हें एक-दो स्वर्ण पद HBक भी जरूर नजर आ रहे होंगे।

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