Boxer Sagar Narwat challenged Olympic medalist Vijender Singh

विजेंद्र को खुली चुनौती!

वलीन बोल्ड/राजेंद्र सजवान

पेशेवर मुक्केबाजी देश में लोकप्रिय हो रही है। खासकर तब से जब से ओलंपिक पदक विजेता विजेंद्र ने प्रो. मुक्केबाजी से नाता जोड़ा है। उनके देखा देखी अनेक युवा पेशेवर बन रहे हैं।लेकिन हैरानी तब होती है जब पेशेवर मुक्केबाज सारी मर्यादाएं लांध जाते हैं।

यह संयोग ही है कि दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में एक ही समय पर दो पेशेवर मुक्केबाज अपनी अगली बाउट के बारे में मीडिया से रुबरु थे। नोयडा में ‘पंच बॉक्सिंग’ के चार मुक्केबाज अपनी उपलब्धियों का बखान कर रहे थे तो साकेत में विजेंद्र के प्रोमोटर नीरव तोमर उनकी अगली बाउट की रूप रेखा के बारे में बता रहे थे।

नोयडा की प्रेस मीट के चलते पंच बॉक्सिंग के सबसे अनुभवी और कामयाब मुक्केबाज सागर नरवत ने ओलंपिक पदक विजेता विजेंद्र सिंह को चुनौती दे डाली। एक सवाल के जवाब में सागर भावना में बह गए। उसने विजेंदर के कद और उपलब्धि की जरा भी परवाह नहीं की और खुली चुनौती देते हुए कहा,’ सुना है विजेंद्र अपने प्रतिद्वंद्वी को तलाश रहे हैं। उन्हें विदेश जाने की क्या जरूरत है? मैं यहां हूं ना। कभी भी कहीं भी लड़ सकता हूं।

जब उसे विजेंद्र के कद और रिकार्ड केबारे में बताया गया तो नरवत ने बताया कि 13 में से ग्यारह मुकाबले जीत चुका है और सिर्फ एक बार हारा है, जबकि एक ड्रा खेला है।

नरवत ने विजेंद्र के कद की जरा भी परवाह नहीं की। उसने कहा कि पेशेवर मुक्केबाजी में सब चलता है। चूंकि की विजेंद्र भी गैर पेशेवर से पेशेवर में लड़ रहे हैं इसलिए उन्हें स्वीकार करना पड़ेगा। यह बात अलग है कि कि वह मेरी चुनौती को कितनी गंभीरता से लेते हैं।

13 मार्च को नोयडा के क्राउन प्लाजा होटल में जो चार मुक्केबाज आकर्षण का केंद्र रहेंगे उनमें सागर नरवत के अलावा हर्ष गिल, आकाश और चांदनी शामिल हैं सुपर वेल्टरवेट में नरवत को मनीष से भिड़ना है। लेकिन नरवत को पंच बॉक्सिंग के मुकाबले में ज्यादा रुचि नहीं है। वह तो बस विजेंद्र से लड़ने के बारे में सोच रहा है। यह बात अलग है कि विजेंद्र उसे कोई भाव नही देने वाला।

फिलहाल नरवत एशियन चैंपियन बनने के बारे में सोच रहा है और तत्पश्चात बेल्ट पाने के बाद विजेंद्र को चुनौती दे सकता है। उसके और पंच बॉक्सिंग के प्रोमोटर आरिफ खान भी मानते हैं कि सगर नरवत पेशेवर मुक्केबानी के नियमों के अनुसार किसी को भी चुनौती दे सकता है। वह आत्मविश्वास से भरा है और किसी कोभी हरा सकता है।

कुल मिलाकर पेशेवर मुक्केबाजी नूरा कुश्ती जैसी नजर आती है। जिसने दारा सिंह और किंग कोंग का देखा है उसे पेशेवर मुक्केबाजी की हवाबाजी का पता चल जाएगा।

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