क्लीन बोल्ड

भ्रूण हत्या भारतीय खेलों का अभिशाप!

राजेंद्र सजवान अक्सर पूछा जाता है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र खेलों में पिछड़ा क्यों है? क्यों हमारे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धियां हासिल नहीं कर पाते? क्यों आबादी में सबसे बड़े देश होने के बावजूद भारत के खिलाड़ी कुछ एक लाख या करोड़ की आबादी वाले देशों के सामने घुटने टेक देते …

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ओलम्पिक पदक नहीं आसान!

राजेंद्र सजवान टोक्यो ओलम्पिक में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों के शानदार प्रदर्शन के बाद हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी के कर्णधारों ने पेरिस ओलम्पिक के लिए बड़े-बड़े सपने सजाने शुरू कर दिए थे। कोरोना प्रभावित ओलम्पिक में पुरुष टीम कांस्य पदक जीतने में सफल रही थी, जबकि महिला टीम ने चौथा स्थान अर्जित …

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महिला दिवस पर महिला पहलवानों का जिक्र नही!

राजेंद्र सजवान इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारतीय महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की प्रगति में बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं। जिन क्षेत्रों में कभी पुरुषों का वर्चस्व हुआ करता था, वहां भी महिलाएं सफलता की कहानी लिख रही हैं। खेलों में भी भारतीय महिलाओं ने देर से ही …

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महिला फुटबॉल: फिर बांग्लादेश भारी!

राजेंद्र सजवान   कुछ दिन पहले खेले गए अंडर-19 महिला सैफ कप में भारतीय टीम मेजबान बांग्लादेश से सिक्के के उछाल पर खिताब जीत तो गई लेकिन लीग मुकाबले में हारने के बाद जब एक बार फिर इन दोनों टीमों का आमना-सामना हुआ तो खिताबी मुकाबला बराबर रहा। देखा जाए तो चैम्पियन कहलाने की हकदार …

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वाह क्रिकेट! हाय-हाय बाकी खेल!!

राजेंद्र सजवान भले ही बाकी खेल क्रिकेट को भला-बुरा कहें, क्रिकेट से चिढ़ें और जलें-कुढ़ें लेकिन हाल के एक फैसले ने हॉकी, फुटबॉल सहित तमाम ओलम्पिक खेलों को हैसियत का आईना दिखा दिया है। जैसा कि विदित है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अपने तमाम स्टार खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट को गंभीरता से …

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….क्योंकि हॉकी अब पूरे भारत का खेल नहीं रही

राजेंद्र सजवान भारतीय हॉकी में मचे घमासान के बारे में भले ही आम हॉकी प्रेमी अनभिज्ञ है लेकिन हॉकी इंडिया की छलनी से छिटक कर आ रही खबरों से यह तो पता चल ही गया है कि हॉकी ने फिर से बर्बादी और गुमनामी की राह पकड़ ली है। हाल ही में ऐसा बहुत कुछ …

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हॉकी चली कुश्ती की चाल, चित होने का डर

राजेंद्र सजवान हॉकी इंडिया की पहली सीआईओ एलेना नॉर्मन 13 सालों तक भारतीय हॉकी की सेवा करने के बाद स्वदेश लौट गई हैं। इस अवधि में भारतीय हॉकी ने क्या खोया और क्या पाया, इस बारे में अलग-अलग राय हो सकती है। लेकिन यह सच है कि एक विदेशी महिला ने भारतीय हॉकी के शीर्ष …

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संतोष ट्रॉफी: फुटबॉल के साथ घटिया मजाक

राजेंद्र सजवान संतोष ट्रॉफी राष्ट्रीय फुटबॉल चैम्पियनशिप में खेल का स्तर देखकर सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि क्यों भारत दुनिया के फुटबॉल मानचित्र पर पिछड़ा हुआ है और क्यों लाखों-करोड़ों रुपये बहाने के बाद भी भारतीय फुटबॉल का स्तर सुधर नहीं पा रहा है। हाल फिलहाल खेली जा रही संतोष ट्रॉफी पर सरसरी …

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डीएसए का फुटबॉल छलावा: क्लब, कोच और रेफरी ‘खेला’ में शामिल!

राजेंद्र सजवान    इसमें दो राय नहीं कि तमाम विफलताओं के बावजूद भी भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता में कोई गिरावट नहीं आई है। भले ही हम पिछले पचास सालों में कोई बड़ा खिताब नहीं जीत पाए, लेकिन तमाम विफलताओं के बावजूद फुटबॉल को आम भारतीय बेहद पसंद करता है। इतना जरूर है कि देश के …

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आत्मघाती फुटबॉल शक के घेरे में

राजेंद्र सजवान भारतीय फुटबॉल क्यों तरक्की नहीं कर पा रही है? क्यों हम फीफा वर्ल्ड रैंकिंग में पिछड़ते जा रहे हैं? इन सवालों का जवाब बस इतना है कि भारतीय फुटबॉल के कर्ताधर्ताओं की नीयत में खोट है। फिर चाहे खिलाड़ी, कोच, अधिकारी, स्पांसर और रेफरी ही क्यों न हों, सभी कहीं न कहीं पथ …

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