क्लीन बोल्ड

भारतीय हॉकी: चाँद भी अब नजर नहींआता; और सितारे भी कम निकलते हैं!

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान मेजर ध्यानचंद और सरदार बलबीर सिंह यदि भारतीय हॉकी के चांद थे तो सितारा खिलाड़ियों की भी कमी नहीं थी। हॉकी को राष्ट्रीय खेल समझ उससे प्यार करने वाले भी कम नहीं थे। लेकिन हॉकी की कसमें खाने वाले और खिलाड़ियों की हर अदा पर जान न्योछावर करने वाले लगातार घट …

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Why is Ghosh's grandfather angry Only cricket journalism is left!

क्यों नाराज हैं घोष दादा? बस क्रिकेट पत्रकारिता बची है!

Clean bold/ राजेंद्र सजवान देश के 82 वर्षीय खेल पत्रकार श्याम सुंदर घोष मीडिया से नाराज हैं। महान फुटबाल ओलंपियन निखिल नंदी के देहावसान की खबर को नहीं छापने या सम्मान जनक स्थान नहीं दिए जाने पर उन्होंने फेसबुक में अपनी पोस्ट पर जो पीड़ा व्यक्त की है उसे पढ़ कर भारतीय मीडिया और खासकर …

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ELECTION OF SCHOOL GAMES FEDERATION OF INDIA

ELECTION OF SCHOOL GAMES FEDERATION OF INDIA. विश्वास खो चुकी SGFI पर देश के स्कूली खेलों का दारोमदार!

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान स्कूल गेम्स फ़ेडरेशन आफ इंडिया(एसजीएफआई) के चुनाओं में वही हुआ जोकि अब तक होता आया । अर्थात हमेशा की तरह इस बार भी सभी पदाधिकारी चार साल के लिए निर्विरोध चुने गए। यह हैरानी वाली बात नहीं है, क्योंकि इस संस्था का चरित्र ही कुछ ऐसा है। तारीफ की बात यह …

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Everyone came, Bedi was nowhere to be seen; Another resentment that was ineffective

सब आए, बस बेदी कहीं नजर नहीं आए; बेअसर रही एक और नाराजगी।

क्लीन बोल्ड / राजेंद्र सजवान आज यहां अरुण जेटली स्टेडिम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व वित्त मंत्री और दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष अरुण जेटली की 68वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया तो मौजूद मंत्रियों, खेल प्रशासकों, खिलाड़ियों और स्थानीय इकाई के अधिकारियों ने अरुण जेटली को श्रद्धासुमन …

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Seeking convenience and respect like Haryana

हरियाणा जैसी सुविधा और सम्मान की मांग

क्लीन बोर्ड/ राजेंद्र सजवान इसमें दो राय नहीं कि हर साल 2020 को भुला देना चाहता है। खेल जगतके लिए भी जाता साल निराशा जनक रहा लेकिन जाते जाते यह साल कुछ उम्मीदों का संचार भी कर गया है। भारतीय नजरिये से देखें तो हरियाणा के राष्ट्रीय खेल अवार्डी खिलाड़ियों को मिलने वाली पेंशन राशि …

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Why are players plunging into the mud of politics Yogeshwar Dutt and Vijender Singh

क्यों राजनीति के कीचड़ में उतर रहे हैं खिलाड़ी?

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान पिछले कुछ सालों में भारतीय खिलाड़ियों में राजनीति को लपकने और खेल मैदान छोड़ने के बाद दलगत राजनीति में कूदने की होड़ सी लगी है। हालाँकि कुछ एक खिलाड़ी कामयाब भी रहे हैं पर ज़्यादातर की नाकामी कुछ सवाल भी खड़े करती है। ख़ासकर, किसान आंदोलन के चलते खिलाड़ियों द्वारा अपने …

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Cricket in olympic 1928. BCCI in dilemma - Cricket in olympic 1928

Cricket in olympic 1928. बीसीसीआई असमंजस में!

क्लीन बोल्ड/राजेन्द्र सजवान क्रिकेट क्यों ओलंपिक खेल का दर्जा पाना चाहता है और क्यों भारतीय क्रिकेट बोर्ड 2028 के ओलंपिक खेलों में भागीदारी को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है? इन सवालों का सीधा सा जवाब यह है कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी अपने खेल को विश्व स्तर पर स्थापित करना चाहती है। लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड …

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Why Bishan Singh Bedi gets angry like this

बेदी को गुस्सा यूँ आता है!

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान “खेल के मैदान खेलों से जुड़े रोल मॉडल के लिए हैं और प्रशासकों और नेताओं की जगह खेल मैदान या स्टेडियम कदापि नहीं हो सकते। उनके लिए शीशे के केबिन ही सही हैं। लेकिन शायद दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) इस संस्कृति को नहीं समझता। यही कारण है कि मैने अपने …

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Now the heart of Delhi does not beat for hockey

अब हॉकी के लिए नहीं धड़कता दिल्ली का दिल।

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान कुछ साल पहले तक दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम में हॉकी के मेले लगते थे। देश के बड़े छोटे खिलाड़ी अपने जौहर दिखाने के लिए जुटते थे । लेकिन अब दिल्ली के शिवाजी और ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम वीरान पड़े हैं। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि भारतीय हॉकी के ठेकेदारों को दिल्ली …

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After the weeds of cricket, it's the turn of the Olympic Games

क्रिकेट के मातम के बाद ओलंपिक खेलों की बारी!

क्लीन बोल्ड/राजेंद्र सजवान ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध पहले टेस्ट में मिली शर्मनाक हार पर भारतीय मीडिया ने ज्ञान बांटना शुरू कर दिया हैं। गलती कहाँ हुई, किससे हुई और कौन सबसे बड़ा गुनहगार है, जैसे सवालों की बौछार शुरू हो गई है। कोई कह रहा है कि दूसरी पारी में भारत को सही ओपनिंग नहीं मिली, …

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