राजेंद्र सजवान/क्लीन बोल्ड
वर्षों तक विश्वस्तरीयऔर ओलंम्पिक मुकाबलों में पदक के लिए तड़पते तरसते भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा के ओलंम्पिक स्वर्ण के बाद तेजी से हरकत में आए हैं। उस समय जबकि भारत में नीरज और अन्य ओलंम्पिक पदक विजेता खिलाड़ियों के स्वागत समारोहों की धूम मची थी केन्या की राजधानी नैरोबी में 20 साल तक के भारतीय एथलीट संघर्ष कर रहे थे।
उनके दिल दिमाग में कामयाबी पाने का जोश हिलोरें मार रहा था। बीस साल के एथलीटों की यूथ चैम्पियनशिप से जब शैली सिंह, अमित खत्री और 4गुणा चार सौ मीटर की रिले टीम वापस लौटे तो हर कोई कह रहा था कि भारतीय एथलेटिक के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं। उनके गले में मैडल लटके थे। देर से ही सही नीरज की स्वर्णिम शुरुआत ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है।
विश्व के उभरते एथलीटों के बीच से पदक चुराना आसान काम नहीं है लेकिन झांसी की 17 वर्षीय शैली ने लंबी कूद में अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए न सिर्फ रजत पदक जीता, अग्रणी देशों के एथलीटों को खबरदार भी किया।
उसने 6.59 की कूद के साथ रजत पदक हासिल किया। मात्र एक सेंटीमीटर ज्यादा कूदने वाली स्वीडन की यूरोपियन चैंपियन माज़ा अस्काग ने करीबी अंतर से भारतीय एथलेटी से पदक का रंग छीन लिया लेकिन शैली बदला लेने और बेहतर करने के लिए दृढ़ संकल्पहै। वह नीरज चोपड़ा की जैसी कामयाबी चाहती है और कहती है कि नीरज भैया ने उन्हें और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया है।
आज यहां होटल लीला में आयोजित ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम के चलते शैली, 10हजार मीटर रेस वाकर अमित खत्री और रिले टीम ने अपने भावी कार्यक्रम और लक्ष्य के बारे में बताया। सभी ने आगामी एशियाई खेलों और तत्पश्चात होने वाले कामनवेल्थ खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने का आह्वान किया।
शैली को लेकर एथलेटिक विशेषज्ञ इसलिए भी आशान्वित हैं क्योंकि उस के सिर पर देश की सर्वकालीन श्रेष्ठ लांग जम्पर अंजू बॉबी जॉर्ज औरउनके द्रोणाचार्य पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज का हाथ है।
आज यहां बॉबी पति पत्नी ने अपनी शिष्या को भविष्य की बड़ी एथलीट बताया और कहा कि वह कुछ एक सालों में बड़ा धमाका कर सकती है। उम्र उसके साथ है और कई मंजिलें पाने का आत्मविश्वास उसमें कूट कूट कर भरा है। शर्मीली और बहुत कम।
बोलने वाली शैली 2017 से अंजू जार्ज और उनके पति की देख रेख में ट्रेनिंग कर रही है। अंजू मानती है कि एशियाड 2022 में वह रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण जीत सकती है। उनके अनुसार 2024 के पेरिस ओलंम्पिक और फिर चार साल बाद के खेलों में वह भारत की बड़ी उम्मीद होगी।
खिलाड़ियों की खेती में अव्वल हरियाणा के सांपला गांव के अमित खत्री को केन्या का मौसम रास नहीं आया। उसे कई बार सांस लेने में दिक्कत के चलते रुकना पड़ा और पानी पीना पड़ा।
फिरभी उसने दूसरे स्थान के साथ दौड़ पूरी की। अमित ने हाल फिलहाल 12वीं पास की है। शैली की तरह उसके पास भी ओलंम्पिक पदक तक पहुंचने का पर्याप्त समय है। भी नीरज की तरह हरियाणा और देश का नाम रोशन करना चाहता है।