क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान
भारतीय कुश्ती में करतार पहलवान एक अलग ही शख्सियत रखते है। देश के वह अकेले पहलवान हैं जिसने एशियाई खेलों में दो स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता है। अन्य कोई पहलवान ऐसा करिश्मा नहीं कर पाया है। पहलवान और सिने स्टार दारा सिंह और तत्पश्चात गुरू हनुमान के शिष्य रहे करतार ना सिर्फ़ अच्छे पहलवान ही रहे अपितु पंजाब पुलिस में आईजी के पद का दायत्व भी बखूबी निभाया। फिलहाल वह पंजाब के किसानों के साथ हैं और उनकी माँगो का समर्थन कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले करतार ने किसान परिवार के खिलाड़ियों के दल का नेतृत्व किया था और किसानों के समर्थन में अपने पदक राष्ट्रपति को लौटा दिए थे। तब करतार ने कहा था कि वह किसान परिवार से हैं और किसानों की हर माँग का समर्थन करते हैं। यह सिलसिला वह यथावत बनाए हुए हैं और किसानों के हक की लड़ाई का कोई मौका नहीं चूकते।
समाज सेवा, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और किसानों की जायज़ माँगों के समर्थन में करतार हमेशा सबसे आगे खड़े रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी और पहलवानी के गुणों से लबालब करतार हमेशा कुछ ना कुछ ऐसा करते रहे हैं जिस कारण वह मीडिया के आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं।
वैशाखी के पवित्र पर्व को इस बार उन्होने टिकरी बॉर्डर पर किसानों की खेल गतिविधियां आयोजित कर मनाया। फाइव रिवर हार्ट एसोसिएशन, पंजाब कुश्ती संघ और बाबा बुढ़ा दल के सहयोग से उन्होने सिख मार्शल आर्ट्स, क्रिकेट, कुश्ती, कबड्डी, बॉडी बिल्डिंग, घुड़दौड़, वाली बॉल, एथलेटिक, पगड़ी बांध, दौड़, योग, रस्साक़स्सी, लोकसंगीत जैसे मुक़ाबले आयोजित किए। लेकिन आकर्षन्नका केंद्र कुश्ती मुक़ाबले रहे। सबसे बड़ी कुश्ती पिर्थी पाल ने अजय गुर्जर को बायफाल हरा कर जीती। सभी खेलों के विजेताओं को 50 हज़ार तक के पुरस्कार दिए गए।
डाक्टर स्वैमन सिंह, प्रेम चंद डेगरा, राजिंदर सिंह, सतबीर दहिया, अमरपाल, देविंदर बाजवा, राहुल सोफ़त, सक्तार सिंह और अन्य कई खेल हस्तियों ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया और पुरस्कार बाँटे। इस अवसर पर करतार ने एक बार फिर दोहराया कि वह हमेशा देश के किसानों और जवानों के हक में खड़े रहे हैं और हमेशा उनके साथ रहेंगे, क्योंकि दोनों ही देश के सच्चे सपूत हैं।
राजू तुम हर खेल जानकर देकर बहुत ही बढ़िया काम कर रहे हो। तुम इसे तरह खेल से जुड़े रहे। हमारी दुवाएं तुमरे साथ है।