क्लीन बोल्ड/ राजेन्द्र सजवान
फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया(पेफ़ी) ने यूपीएससी परीक्षाओं में शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान को शामिल करने और भारतीय खेल सेवाओं के गठन की मांग की है। पेफ़ी लंबे समय से यूपीएससी परीक्षाओं और अन्य राज्य लोक सेवा परीक्षाओं में शारीरिक शिक्षा को मुख्य विषयों में से एक के रूप में शामिल करने की मांग कर रहा है। इस संबंध में डॉ. पीयूष जैन ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर समस्त शारीरिक शिक्षा एवं खेल जगत की ओर से इस मांग को पूरा करने का अनुरोध किया है।
डॉ. जैन के अनुसार शारीरिक शिक्षा किसी भी अन्य विषय की तरह महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे भी लोक सेवा परीक्षाओं में शामिल किया जाना चाहिए। इसके पीछे तर्क यह है कि कई खेल प्रशासन पदों को सिविल सेवा अधिकारियों की नियुक्ति से भरा जाता है, यदि इन पदों को शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान के छात्रों को नियुक्त करके भरा जाता है तो इससे देश में खेल प्रशासन निकायों का बेहतर इस्तेमाल होगा। कारण, उम्मीदवार शारीरिक शिक्षा और खेल के लिए काम करने के लिए पहले से ही तैयार होंगे क्योंकि ये उम्मीदवार विषय से संबंधित हैं और उन्हें खेल प्रशासन की बेहतर समझ और संचालन का ज्ञान होगा।
उनके अनुसार पेफ़ी एक दशक से अधिक समय से खेल और शारीरिक शिक्षा के उत्थान के लिए काम कर रहा है। यूपीएससी की परीक्षाओं में शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान को शामिल करना खेलों के महत्व को तो बढ़ाएगा ही साथ ही खिलाड़ियों को शारीरिक शिक्षा के माध्यम से उच्च पद की नौकरियां पाना तय हो पाएगा। ऐसा होने से देश में खेलों का प्रभावी, कुशल और पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
डॉक्टर जैन की राय में यदि भारत को खेलों में उच्च स्थान अर्जित करना है और देश को खेल महाशक्ति बनाना है तो शारीरिक शिक्षा और शिक्षकों को प्रशासनिक अधिकरियों जैसी सुविधाएं देने की जरूरत है। उनकी सेवाओं का उपयोग देश के प्रतिभावान खिलाड़ियों को ट्रेंड करने के लिए किया जा सकता है। ऐसे में विदेशी कोचों पर अत्यधिक निर्भरता भी समाप्त होगी और अपने शिक्षओं और कोचों की सेवाएं लेने से भारत खेलों में आत्मनिर्भर बनेगा।