नयी दिल्ली। पिछले एक साल में ओलंपिक सहित कई टूर्नामेंटों पर कहर बरपा चुकी कोरोना वायरस महामारी का नया शिकार भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट चैंपियनशिप रणजी ट्राफी बनी है जिसे इस सत्र में आयोजित नहीं करने का फैसला किया गया है।
रणजी ट्राफी की शुरुआत 1934-35 में की गयी थी और तब से हर साल इसका आयोजन किया जा रहा था। यहां तक कि दूसरे विश्व युद्ध ने ओलंपिक सहित कई खेलों पर असर डाला था लेकिन रणजी ट्राफी बदस्तूर चलती रही।
रणजी ट्राफी सत्र की शुरुआत पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में होनी थी लेकिन कोविड-19 के कारण इसे टाल दिया गया और अब बीसीसीआई ने चार दिवसीय प्रारूप में होने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन नहीं करने का फैसला किया है।
बीसीसीआई ने हालांकि 50 ओवरों का विजय हजारे टूर्नामेंट, महिलाओं का 50 ओवरों का टूर्नामेंट और अंडर-19 राष्ट्रीय एकदिवसीय टूर्नामेंट आयोजित करने का निर्णय किया है।
रणजी ट्राफी का नाम नवानगर के महाराज और इंग्लैंड के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर रणजीतसिंहजी विभाजी जडेजा के नाम पर रखा गया जो रणजी नाम से मशहूर थे। जब रणजी खेला करते थे तब भारत को टेस्ट दर्जा हासिल नहीं था। रणजी ने उस समय इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करके 1896 से लेकर 1902 के बीच 15 टेस्ट मैच खेले थे।
मुंबई ने सर्वाधिक 41 बार रणजी ट्राफी जीती है। उसके बाद कर्नाटक (आठ
बार), दिल्ली (सात बार), बड़ौदा (पांच बार) और मध्य प्रदेश (चार बार) का नंबर
आता है।