MP singh former indian hockey player

है कोई, जो बड़े जिगर वाले चैंपियन को गुर्दा डोनेट कर सके?

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान

हॉकी जगत के दमदार रक्षकों में शुमार, बड़े जिगर वाले और पेनल्टी कार्नर पर शर्तिया गोल जमाने वाले एमपी सिंह के दोनों गुर्दे (किडनी) फेल होने की दुखद खबर ने देश के हॉकी प्रेमियों को गमगीन कर दिया है।

उनके परिजन, मित्र, प्रशंसक और सहकर्मी इस दुख की घड़ी में ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं और साथ ही उम्मीद कर रहे हैं कि एबी पॉज़िटिव ब्लड ग्रुप के ओलंपियन को कोई किडनी डोनेटर अवश्य  मिलेगा। फिलहाल वह अपोलो हॉस्पिटल में दाखिल हैं और डाक्टरों के अनुसार उनकी हालत गंभीर है। 

 इंडियन एयर लाइन्स के उनके वरिष्ठ खिलाड़ी, कोच, ओलंपियन और विश्व विजेता टीम के खिलाड़ी रहे, अशोक कुमार के अनुसार एमपी जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका यह संघर्ष पिछले पाँच सालों से चल रहा है। अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित हॉकी ओलंपियन को अशोक कुमार एक बेहद अनुशासित और जुझारू खिलाड़ी मानते हैं। एक अपील में उन्होने कहा कि भारतीय हॉकी को एमपी की सेवाओं की ज़रूरत है और ईश्वर उनकी रक्षा करेंगे। 

1986 के स्योल एशियाड, 1986 और 1990 के विश्व कप और 1988 के स्योल ओलंपिक में भारतीय रक्षा पंक्ति की दीवार रहे एमपी ने पेनल्टी कार्नर पर गोल जमाने की कलाकारी से खूब नाम कमाया। जाने माने रक्षक परगत सिंह के साथ उनकी जोड़ी खूब जमी। लेकिन संतुलन के अभाव के चलते भारतीय हॉकी टीम कोई बड़ा खिताब नहीं जीत पाई। 

59 वर्षीय साथी खिलाड़ी की बीमारी को लेकर उनके टीम साथियों और इंडियन एयर लाइन्स की विजयों मे बड़ी भूमिका निभाने वाले खिलाड़ियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। परगट सिंह, विनीत कुमार, सोम्मया, टिकेन सिंह, जगदीप सिंह, जगबीर सिंह, राम प्रकाश सिंह, थोइबा सिंह और दिग्गज फारवर्ड स्वर्गीय मोहम्मद शाहिद के साथ  खेल कर एमपी ने खूब नाम सम्मान कमाया। 

राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप और नेहरू कप जैसे बड़े आयोजनों में वह दीवार बन कर खड़े रहे और एयर लाइन्स की ख़िताबी जीतों के नायक के रूप में जाने गए। 

खेल मंत्रालय ने एमपी की चिकित्सा का आश्वासन दिया है और एक बयान में उनके परिवार को ढाढ़स बँधाया है। जाने माने ओलंपियन और साथी खिलाड़ी भी मदद के लिए  आगे आए हैं लेकिन किडनी मिल जाने पर ही कोई उम्मीद की जा सकती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन साल पहले उनके हार्ट का आपरेशन हुआ था और अब तक  पूरी तारह फिट नहीं हो पाए हैं। साथी खिलाड़ियों के अनुसार वह दमदार और जीवट खिलाड़ी रहे हैं और हिम्मत के साथ एक कठिन लड़ाई को अवश्य जीत जाएँगे। 

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