राजेंद्र सजवान
दो महीने की जद्दोजहद , सभा समारोहों, पार्टियों और आरोप प्रत्यारोपों के बाद दिल्ली साकर एसोसिएशन के चुनाव सम्पन्न हो गए। नतीजा वही रहा जिसकी उम्मीद की जा रही थी। डॉक्टर शाजी प्रभाकरण फिर से अध्यक्ष चुन लिए गए हैं।
उन्होने अपने प्रतिद्वंद्वी अनुज गुप्ता को हरा कर शीर्ष पद पर बने रहने का वैधानिक हक हासिल कर लिया है। शाजी को 55, अनुज गुप्ता को 21 और अनादि बरुआ को मात्र 7 वोट पड़े।
जो लोग दिल्ली की फुटबाल से जुड़े हैं वे यह भी जानते हैं कि शाजी प्रभाकरण चार साल पहले तक अनजान नाम था लेकिन पिछले चुनाओं में अध्यक्ष चुने जाने के बाद से शाजी एक ऐसा नाम बन गया जिसे न सिर्फ दिल्ली बल्कि देश की फुटबाल में जाना पहचाना चेहरा माना जाता है। शायद इसी पहचान के चलते शाजी को कामयाबी मिली और वह दूसरी बार अध्यक्ष चुने गए।
विजेता पैनल के भगवान सिंह नेगी, एन के भाटिया, रिजवान उल हक, शराफतुल्लाह, जगदीश मल्होत्रा, एसके सिंह उपाध्यक्ष चुने गए , जबकि लियाकत अली ने राजीव गुप्ता को हरा कर कोषाध्यक्ष पद पाया, आनंद डबास, हर गोपाल और डॉक्टर आभा जैन कन्वीनर चुने गए। नागेंद्र सिंह, भूपेंद्र अधिकारी, सुनील दत्त, विजेंदर सिंह, धनवीर सिंह रावत, राम सिंह, मोहममद नईम, जय किशोर, एस जमाल नासिर और डॉक्टर सायमा अहमद सदस्य चुने गए हैं।
बेहतर काम से मिली जीत:
विजेता पदाधिकारियों का मानना है कि बेहतर काम और राजधानी की फुटबाल के रूप स्वरूप को बदल कर टीम शाजी ने जीत पाई है। उनके अनुसार पिछले कई सालों में दिल्ली की फुटबाल जो नहीं कर पाई वह चार सालों में संभव हो पाया। खासकर, महिला फुटबाल को अधिकाधिक प्रोत्साहन दे कर दिल्ली ने राष्ट्रीय कैलेंडर पर अलग पहचान बनाई है।
टीम शाजी की जीत को पहले ही तय मान लिया गया था लेकिन कमजोर विपक्ष भी विजेताओं की ताकत साबित हुआ। दरअसल अनुज गुप्ता की हार का एक बड़ा कारण यह भी था क्योंकि उन्हें ऐसे लोग सपोर्ट कर रहे थे जोकि डीएसए के अंदर रह कर भी विपक्ष का काम कर रहे थे।
शाजी के समर्थक कहते हैं कि उनके कारण दिल्ली की फुटबाल ने पेशेवर जामा पहना, जबकि विपक्ष बार बार और लगातार आरोप लगाता रहा। हैरानी वाली बात यह है कि जो लोग सालों से शीर्ष पदों का सुखभोग करते रहे, चुनाव नजदीक आने पर शाजी को घेरने में लग गए। लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी।
अभी बहुत से काम बाकी:
जीत दर्ज करने के बाद विजेता अध्यक्ष ने कहा कि उनकी जीत से यह साबित हो गया है कि तमाम आरोप झूठे थे । उन्होंने दिल्ली की फुटबाल को पटरी पर लाने के भरसक प्रयास किए और काफी हद तक कामयाब भी रहे। कोई कमी रह गई हो तो उसे इस बार पूरी कर देंगे। उन्होंने सभी पदाधिकारियों और सदस्य इकाइयों को साथ लेकर चलने का आश्वासन दिया।
भविष्य की योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि दिल्ली की फुटबाल को राट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता है। छोटी उम्र से लेकर वरिष्ठ खिलाड़ियों के मुकाबले आयोजित करना और अधिकाधिक फण्ड जुटाना उनकी प्रथमिकता में शामिल है। शाजी ने बड़ी जीत के बाद कहा कि उन्हें काम के चलते जीत मिली है।
अध्यक्ष ने अपने पैनल के हर सदस्य का धन्यवाद किया और कहा कि टीम वर्क से जीत मिली और यही टीम दिल्ली की फुटबाल को शिखर तक ले जाएगी।