Bahrain and Belarus

आईएसएल कसौटी पर, क्षेत्री के विकल्प की तलाश!

क्लीन बोल्ड/राजेंद्र सजवान

बहरीन और बेलारूस के विरुद्ध क्रमश 23 और 26 मार्च को खेले जाने वाले दोस्ताना मैचों में भाग लेने वाली भारतीय टीम के सात खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्हें पहली बार राट्रीय टीममें शामिल होनेका सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इन खिलाड़ियों का चयन हाल ही में समाप्त हुए आईएसएल मैचों के प्रदर्शन के आधार पर किया गया है।

टीम कोच इगोर स्टिमक के अनुसार यदि नए खिलाड़ी अच्छा खेलते हैं तो उन्हें जून में खेले जाने वाले एएफसी एशियन कप क्वालीफायर में भाग लेने का मौका मिल सकता है। उल्लेखनीय है कि स्टार ख़िलाड़ी सुनील क्षेत्री चोट केचलते टीम से बाहर हैं। अर्थात उभरते खिलाड़ियों को दम खम दिखाने का मौका है। आईएसएल में क्या कुछ सीखा अगामी मैंचों में पता चल जाएगा।

यह सही है कि हमारे स्टार खिलाड़ी क्षेत्री की उम्र बढ़ रही है और उसे एक दिन बूट टांगने हैं। उसके विकल्प के रूप में खिलाडियों कि खोज भी जरुरी है। लेकिन यह भारतीय फुटबाल का दुर्भाग्य है कि इस ओर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया।

हम क्षेत्री की तुलना मेस्सी और रोनाल्डो से करते रहे। उसके गोलों कि संख्या को पेले से ज्यादा बता क़र भारतीय फुटबाल को धोखा देते रहे। शायद ही कभी किसी ने उसके बाद के बारे में सोचा हो।

हर खिलाडी को एक न एक दिन मैदान छोड़ना पड़ता है। उनके खेलने की अवधि अलग हो सकती है। क्षेत्री ने लगभग डेढ़ दशक तक भारतीय फुटबाल को सजाया संवारा और जब भी जरुरत पड़ी वह कसौटी पर खरा उतरा।

यह सही है कि टीम खेल में अकेला खिलाडी बार बार और लगातार परिणाम तय नहीं क़र सकता लेकिन सुनील ने कई अवसरों पर हार के कगार पर पहुँची भारतीय टीम को सम्मान दिलाया। अपने गोल जमाने की योग्यता के दम पर उसने देश के बड़े क्लबों में न सिर्फ स्थान बनाया अपितु उन्हें भी ऊंचाइयां प्रदान कीं।

क्षेत्री का सौभाग्य कहें या दुर्भाग्य, वह ऐसे वक्त में भारतीय फुटबाल में अवतरित हुआ जबकि भारत की फुटबाल अपना सब कुछ लुटा चुकी थी। ऐसे समय उसे अपने दम पर टीम को सहारा देना पड़ा।

आज भारत विश्व फुटबाल में कहीं नजर नहीं आता एशियाड में खेलने का सम्मान तक नहीं मिल पाता और फिसड्डी दक्षिण एशियाई देशों में हेंकड़ी हाँक क़र खुद को तसल्ली दे रहै है। सैफ देशों में यदि थोड़ी बहुत इज्जत बची है तो क्षेत्री के कारण, जोकि बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल जैसे देशों के हाथों पिटने से बचाता आ रहा है।

वह 38 के हो गए हैं और अब उनसे बहुत अधिक की उम्मीद करना ठीक नहीं होगा। अब तेजी के साथ उनका विकल्प खोजने की जरुरत है, जोकि फिलहाल नज़र नहीं आ रहा । देखना यह होगा कि आईएसएल के फ्लाप शो से कोई खिलाड़ी उम्मीद बनकर उभरता है!

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *