Border-Gavaskar Trophy

बोर्डर-गावस्कर ट्राफी बरकरार रखनी है तो बनाओ 309 रन

सिडनी, 10 जनवरी। भारत को अगर बोर्डर-गावस्कर ट्राफी अपने पास बरकरार रखनी है तो उसे आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के आखिरी दिन 309 रन बनाने होंगे, लेकिन उसके पास केवल आठ विकेट बचे हैं।

भारत के लिये इस मैच में जीत दर्ज कराना या इसे ड्रा कराना बड़ी चुनौती होगी। आस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी छह विकेट पर 312 रन पर समाप्त घोषित करके भारत के सामने 407 रन का लक्ष्य रखा। भारत ने चौथे दिन का खेल खत्म होने पर दो विकेट पर 98 रन बनाये हैं। मतलब अब वह लक्ष्य से 309 रन दूर है।

भारत 1932 से टेस्ट मैच खेल रहा है और केवल सात अवसरों पर उसकी टीम ने चौथी पारी में 100 से अधिक ओवर तक बल्लेबाजी की। विदेशी धरती पर तो वह केवल दो बार (वेस्टइंडीज के खिलाफ 1975-76 में ब्रिजटाउन और इंग्लैंड के खिलाफ 1979 में ओवल में) चौथी पारी में 100 से अधिक ओवर खेल पाया है। मतलब चुनौती आसान नहीं है।

अभी तक भारत ने 34 ओवर खेले हैं लेकिन उसने अपने दोनों सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल (31) और रोहित शर्मा (52) के विकेट गंवा दिये हैं। इन दोनों ने पहले विकेट के लिये 71 रन की साझेदारी की लेकिन दोनों अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में फिर से असफल रहे। अब निगाहें चेतेश्वर पुजारा और कप्तान अजिंक्य रहाणे पर टिकी हैं जो क्रमश: नौ और चार रन पर खेल रहे हैं।

भारत अगर यह मैच जीत जाता है तो बोर्डर-गावस्कर ट्राफी उसके पास बनी रहेगी जो उसने 2018-19 में जीती थी। ऐसी स्थिति में ब्रिस्बेन में होने वाले चौथे टेस्ट मैच के परिणाम का इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

लेकिन भारत के लिये लक्ष्य तक पहुंचना बहुत मुश्किल होगा। उसके भले ही आठ विकेट बचे हैं लेकिन इनमें रविंद्र जडेजा भी शामिल हैं जो चोटिल हैं और वह बल्लेबाजी कर पाएंगे या नहीं यह सुनिश्चित नहीं हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार जडेजा का बल्लेबाजी करना मुश्किल है। ऋषभ पंत भी चोटिल हैं लेकिन वह बल्लेबाजी के लिये उतरेंगे।

आस्ट्रेलिया को उसके बल्लेबाजों ने ही मजबूत स्थिति में पहुंचाया। पहली पारी में स्टीव स्मिथ (131), मार्नस लाबुशेन (91) और विल पुकोवस्की (62) की पारियों से उसने 338 रन बनाये। दूसरी पारी में स्मिथ (81) और लाबुशेन (73) के अलावा आलराउंडर कैमरन ग्रीन (84) का भी बल्ला चला कप्तान टिम पेन 39 रन बनाकर नाबाद रहे। ग्रीन के आउट होने के बाद पेन ने पारी समाप्त घोषित कर दी थी।

भारत को गेंदबाजी में भी जडेजा की कमी खली। अश्विन ने स्मिथ को दूसरी पारी में शतक नहीं बनाने दिया लेकिन अगर उन्हें दूसरे छोर से मदद मिली होती तो आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाया जा सकता था। जसप्रीत बुमराह ने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन भारतीय क्षेत्ररक्षण भी अच्छा नहीं रहा। उनकी गेंदों पर कैच छूटे। भारत के लिये अश्विन और नवदीप सैनी ने दो . दो जबकि बुमराह और मोहम्मद सिराज ने एक.एक विकेट लिया।

आस्ट्रेलिया अभी मजबूत स्थिति में है। वह सीरीज में बढ़त बनाने की स्थिति में है लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है इसलिए यह कहना कि भारत जीत की दौड़ से बाहर है बेमानी होगा। अभी तो हम यहीं कहेंगे भारतीयो आगे बढ़ो और मेलबर्न की तरह सिडनी भी फतह करो।

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