The defeat at the hands of Novak Djokovic is not a threat to Nadal's prestige

लाल बजरी पर नडाल की बादशाहत को लगा जोर का झटका

अजय नैथानी

लाल बजरी की सतह रौलां गैरों पर जीतते रहना राफेल नडाल की आदत बन गया था। लेकिन शुक्रवार को नोवाक जोकोविच के हाथों मिली हार नडाल की बदशाहत के लिए खतरा तो नहीं बनी है लेकिन यह अप्रत्याशित पराजय 13 बार के फ्रेंच ओपन चैम्पियन के लिए जोर का झटका जरूर है। इस हार के साथ ही रौलां गैरों की लाल सतह पर लगातार 35 मैचों में राफेल जीत का सिलसिला भी खत्म हो गया।

राफेल की बादशाहत को जोकोविच ने दूसरी बार लाल बजरी पर झटका दिया है। बढ़ती उम्र के साथ ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने की संभावना भी कम होती जाती है और इस समय नडाल 35 साल के हो चुके हैं।

बढ़ती उम्र और चोटों ने पिछले कुछ समय से नडाल के प्रदर्शन पर असर डाला जरूर है। फ्रेंच ओपन प्रतियोगिता में उनका बोलबाला बना हुआ था लेकिन टेनिस की सबसे धीमी सतह पर बहुत ज्यादा दमखम की जरूरत होती है और वक्त के साथ “किंग ऑफ क्ले” भी धीमा पड़ने लगा है।

पहली बार सेमीफाइनल में हारे

बाएं हत्था स्पेनिश स्टार राफेल ने फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित रौलां गैरों के कोर्ट फिलीप-चार्टर पर चार घंटे 11 मिनट तक संघर्ष किया। लेकिन 35 वर्षीय राफेल पहला सेट जीतने के बावजूद दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी जोकोविच से 6-3, 3-6, 6-7, 2-6 से हार गए।

यह पहला अवसर है जब नडाल इस ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता के एकल सेमीफाइनल में पराजित हुए। राफेल 2005 से फ्रेंच ओपन में खेल रहे हैं और पहले कभी भी सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद नहीं हारे थे।   

फ्रेंच ओपन में नडाल का सुनहरा सफर

फ्रेंच ओपन का नडाल के शानदार करियर में एक ऊंचा दर्जा है। क्योंकि उनके जीते कुल 20 ग्रैंड स्लैम खिताबों में से 13 टाइटल उन्होंने रौलां गैरों की लाल बजरी पर जीते हैं। यहां पर लगातार जीतने की आदत और 13 खिताबों ने इस स्पेनिश स्टार को लाल बजरी का बादशाह बना दिया है।

नडाल रौलां गैरों की लाल बजरी में कुल 108 मैच खेल चुके हैं। यहां पर तीन हार के मुकाबले 105 जीत का उनका शानदार रिकॉर्ड है। इसका मतलब है कि लाल बजरी पर उनके सामने ज्यादातर प्रतिद्वंद्वियों की चुनौतियां टूटती रही है।

वह इस सतह पर फाइनल में रोजर फेडरर (2006, 2007 2008, 2011) को चार बार, नोवाक जोकोविच (2012, 2014 2020) को तीन बार, डोमिनिक थिएम (2018, 2019) को दो बार और डेविड फेरर (2013), स्टेन वावरिंका (2017), मारियानो प्यूरेटा (2005) एवं रोबिन सोल्डरिंग (2010) को एक-एक बार हराकर कुल 13 बार खिताब अपने नाम कर चुके हैं।

नोवाक रहे हैं सबसे कड़े प्रतिद्वंदी

भले ही राफेल को लाल बजरी का सर्वकालीन महान खिलाड़ी माना जाता है। लेकिन अगर इस सतह पर किसी ने स्पेनिश मास्टर को थोड़ी बहुत चुनौती देने की कोशिश की है तो वो नोवाक है।

हालांकि नडाल रिकॉर्ड क्ले कोर्ट पर अपने सर्बियाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ शानदार रहा है। वह क्ले कोर्ट पर जोकोविच खिलाफ 19 बार जीत चुके हैं जबकि आठ मैच में हार मिली है।

वह फ्रेंच ओपन में नोवाक के खिलाफ दो फाइनल समेत कुल सात मैच जीतने में सफल रहे हैं। लेकिन सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक दो बार उनके फ्रेंच ओपन अभियान का रोड़ा बने है। जोकोविच ने पिछली बार रौलां गैरों पर 2015 संस्करण के क्वार्टर फाइनल में चैम्पियन नडाल को चौंकाते हुए खिताब जीता था।

उस जीत के जरिये नोवाक ने राफेल का 39 मैचों में जीत का सिलसिला तोड़ा था। और ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता के वर्तमान संस्करण में नोवाक एक बार फिर नडाल के रास्ते का रोड़ा बने। इस बार नोवाक ने उन्हें सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ने दिया।

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