The third wave of covid-19 increased the challenge of the Olympic organizers

कोविड-19 की तीसरी लहर ने बढ़ाई ओलम्पिक आयोजकों की चिन्ता और चुनौती

अजय नैथानी

टोक्यो ओलम्पिक 2021 शुरू होने में केवल एक सप्ताह का समय शेष है लेकिन कोविड की तीसरी लहर के बढ़ते असर ने खेलों के महाकुम्भ के आयोजन को लेकर आशंका तो नहीं, किन्तु चिंताएं जरूर बढ़ा दी हैं। पिछले हफ्ते ओलम्पिक गेम्स विलेज का एक अधिकारी कोविड की चपेट में आ गया है और उसे 14 दिनों के क्वारंटीन में भेज दिया गया है।

लेकिन सवाल उठता है कि इस बार का यह महाकुम्भ कितना सुरक्षित होगा। क्योंकि पहली जुलाई से लेकर अब तक इस महाआयोजन से जुड़े 14 लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं। इसकी पुष्टि टोक्यो ओलम्पिक आयोजन समिति कर चुकी है।

जैसा कि आप जानते है कि यह वैश्विक महामारी पहले ही टोक्यो ओलम्पिक को एक साल आगे धकेल चुकी है। लिहाजा एक साल की देरी से यह आयोजन किया जा रहा है। महामारी के मद्देनजर इस बार ओलम्पिक का आयोजन दर्शकों के गैर-मौजूदगी में किया जाना है और ऐसा ओलम्पिक आंदोलन के इतिहास में पहली बार होने जा रहा है, लेकिन बड़ी संख्या में दुनिया भर के तमाम खिलाड़ियों का जमावड़ा तो जरूर लगेगा।

ऐसे में इस आयोजन को बिना किसी विघ्न सम्पन्न करना अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) और टोक्यो ओलम्पिक आयोजन कमेटी दोनों के लिए इतिहास की सबसे कठिनतम चुनौती होगा।

टोक्यो में शुक्रवार को कोविड के 1271 नए मामले सामने आए थे। संक्रमितों की संख्या जापानी राजधानी में पिछले तीन दिनों से लगातार 1000 से ऊपर बनी हुई है। ऐसे में जापानी नागरिकों के बीच ओलम्पिक का विरोध बढ़ता जा रहा है।

ज्यादातर जापानी इस महाआयोजन को रद्द करने या फिर पुन:स्थगित करने के पक्ष में है। अब देखना यह है कि आईओसी और आयोजन समिति टोक्यो ओलम्पिक का आयोजन किस प्रकार से करती है।

जहां तक भारत और उसके एथलीटों का प्रश्न है तो वे हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार नजर आते हैं। कुछ भारतीय एथलीट तो जापान पहुंच चुके हैं और कुछ अगले कुछ दिनों में पहुंच जाएंगे।

भारोतोल्लक मीराबाई चानु शुक्रवार को जापान की राजधानी पहुंच चुकी हैं जबकि नाविक विष्णु सरवनन पहले से ही जापान में है। भारतीय शूटर शनिवार को पहुंच रहे है। जैसा कि आप जानते है कि भारतीय दल में 125 खिलाड़ी (70 पुरुष एवं 55 महिलाएं) शामिल हैं, जो कि 68 स्पर्धाओं में शिरकत करेंगे और उनसे पदक की उम्मीद भी की जा रही है। अब देखना यह है कि वे भारत की झोली में कितने पदक डालते हैं।

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