फुटबॉल की सनक वकालत पर भारी

आई-लीग में खेलने वाला सुदेवा दिल्ली का पहला क्लब बन चुका है लेकिन क्लब के अध्यक्ष अनुज गुप्ता का लक्ष्य आईएसएल में खेलना है

आज सुदेवा को दिल्ली के सबसे नामवर, तेजी से उभरता और राष्ट्रीय फुटबॉल में बड़ी पहचान के रूप में देखा जा रहा है

पेशे से वकील अनुज सुदेवा की अन्तरराष्ट्रीय पहचान के लिए भी प्रयासरत हैं

क्लीन बोल्ड/राजेंद्र सजवान

पिछले कुछ सालों में दिल्ली की फुटबॉल के रूप-स्वरुप में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ नये और उत्साही लोगों ने दिल्ली सॉकर एसोसिएशन के दरवाजे पर दस्तक दी है और वे पूर्व पदाधिकारियों और अनुभवी प्रशासकों के साथ मिलकर दिल्ली की फुटबॉल को गतिमान बना रहे हैं, जिसका सबसे ताजा उदाहरण नए क्लब वाटिका एफसी की पहली प्रीमियर लीग की खिताबी जीत है।

 

वाटिका एफसी के प्रवेश से पहले राजधानी की फुटबॉल में गढ़वाल हीरोज, भारतीय वायुसेना, दिल्ली एफसी जैसे बड़े नाम जाने पहचाने थे। इनके पीछे चुपचाप सधे क़दमों से बढ़ रहे सुदेवा एफसी को शुरुआत में गंभीरता से नहीं लिया गया लेकिन आज सुदेवा भारत की राजधानी के तमाम क्लबों में सबसे नामवर, तेजी से उभरता और राष्ट्रीय फुटबॉल में बड़ी पहचान के रूप में देखा जा रहा है।

   यह सही है कि वाटिका ने पहले ही प्रवेश में अपनी ताकत दिखाई है, दिल्ली एफसी और  गढ़वाल हीरोज का कद भले ही बढ़ा है लेकिन सुदेवा फुटबॉल अकादमी के खिलाड़ियों का खेल देखते ही बनता है, जिनमे से कई  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हैं।

 

  प्रीमियर लीग में बड़े क्लबों की नाक में दम करने वाले दिल्ली के इस अव्वल के क्लब को उसके संरक्षक और अध्यक्ष अनुज गुप्ता ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं। पेशे से वकील अनुज खुद एक अच्छे खिलाड़ी रहे हैं लेकिन अब वकालत उनकी प्राथमिकता नहीं  रही है।

   2014 में उन्होंने सुदेवा मूनलाइट क्लब से अभियान शुरू किया और दिल्ली में पहली विशुद्ध पेशेवर अकादमी का गठन कर भविष्य के इरादे व्यक्त किए। राजनिवास स्थित अकादमी ने देखते ही देखते खिलाड़ियों की फौज तैयार करना शुरू कर दिया जिनमें ज्यादातर खिलाडी सोलह से बीस साल के हैं। सुदेवा के खिलाडियों की खास बात यह है कि उनमें दमखम कूट-कूट कर भरा है।

   दिल्ली लीग और हाल में समाप्त हुई प्रीमियर लीग में सुदेवा के खिलाड़ियों ने जैसा हुनर और दम दिखाया उसे लेकर ज्यादातर क्लब असमंजस में हैं और युवा टीम की काट खोजने में जुट गए हैं। क्लब के कुछ खास खिलाड़ियों में निश्चल चन्दर, सचिन झा, शुभो पाल, आशीष सिबी, बियांका, मन्कु, गोगो और कबीर कोहली आदि शामिल हैं।

 

  अनुज के अनुसार उनकी अकादमी में देश भर के प्रतिभावान खिलाड़ियों को शामिल किया गया है और बहुत कम समय में इस क्लब ने राष्ट्रीय फुटबॉल में बड़ा मुकाम हासिल किया है। आई-लीग में खेलने वाला सुदेवा दिल्ली का पहला क्लब है लेकिन क्लब के अध्यक्ष अनुज गुप्ता का लक्ष्य आईएसएल में खेलना है। अनुज चाहते हैं कि उनकी अकादमी ऐसे खिलाड़ी तैयार करे जो आने वाले सालों में देश के लिए खेलें और क्लब और देश का नाम रोशन कर सकें।

   सुदेवा की अन्तरराष्ट्रीय पहचान के लिए भी अनुज प्रयासरत हैं। कल तक जो लोग उच्च शिक्षा प्राप्त अनुज को कमतर आंकते थे, उसका उपहास उड़ाते थे, अब वे भी जान गए हैं क्यों एक वकील को फुटबॉल की सनक चढ़ी है।

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