खेलमंत्री गिरीश चंद्र यादव बोले, यूपी सरकार खेलों के विकास के लिए गंभीर

प्रदेश के खेलमंत्री ने किया ऐलान, ओलम्पिक पदक विजेताओं को मिलेगी नौकरी

कोरोना काल में देश में शारीरिक शिक्षकों के बेरोजगार होने को श्री यादव ने गंभीर मसला माना

10वें स्पोर्ट इंडिया इंटरनेशनल एक्सपो 2022 के दौरान खेल मंत्री ने पेफी और स्पोर्ट इंडिया की सराहना

राजेंद्र सजवान

“उत्तर प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए स्कूल स्तर से खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधाएं देने और उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए दृढ़ संकल्प है। इस दिशा में  एक बड़ा कदम यह उठाया गया है कि ओलंम्पिक और पैरालम्पिक खेलों के पदक  विजेताओं को नौकरियों में सीधी भर्ती दी जाएगी।” यूपी सरकार के खेल एवम युवा कल्याण मंत्री गिरीश चन्द्र यादव ने आज यह ऐलान किया।

   यूपी सरकार के खेल एवम युवा कल्याण मंत्री गिरीश चन्द्र यादव आज 10वें स्पोर्ट इंडिया इंटरनेशनल एक्सपो 2022 में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जिसमें उन्होंने एक साक्षात्कार में अपनी सरकार के खेल विकास कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी और कहा कि यूपी के खेल बदल रहे हैं। यूपी खेलों में एक बड़ी ताकत बनने जा रहा है क्योंकि प्रदेश और देश की सरकार का नेतृत्व सधे हुए और देश हित को प्राथमिकता देने वाले मजबूत हाथों में है।

  

खेल मंत्री ने बताया कि देश की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले 75 जिलों वाले प्रदेश में खेल स्टेडियमों की उपलब्धता पर जोर दिया जा रहा है, जहां खिलाड़ी नि:शुल्क खेल सकें।

   कॉन्फ्रेंस के चलते आयोजन समिति के अध्यक्ष स्वदेश कुमार और उनके सहयोगी पेफी के राष्ट्रीय सचिव पीयूष जैन, द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित हॉकी कोच एके बंसल, डॉक्टर उप्पल और अन्य कई हस्तियां मौजूद थीं।

   श्री यादव ने माना कि कुछ साल पहले तक यूपी के खिलाड़ियों में से ज्यादातर बेरोजगार थे। खेल कोटे की नौकरियों को लेकर पुरानी सरकारों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। लेकिन योगी सरकार के आने के बाद हालात बदल रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में और खासकर ओलंम्पिक एवम पैरालम्पिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को साथ-साथ अन्य प्रतिभावान खिलाड़ियों को नौकरी देने के मौके खोजे जा रहे हैं।

  

खेल मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय स्तर के खेल मुकाबलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को भी रोजगार दिए जाने की योजना को शीघ्र कार्यरूप दिया जाएगा।

   खेल मंत्री ने माना कि उनका प्रदेश  हरियाणा और पंजाब जैसे प्रदेशों की तुलना में इसलिए पिछड़ गया क्योंकि पिछली सरकारों ने खेलों के महत्व को नहीं समझा। आज खेलों में सुधार की योजना को लेकर हर सम्भव प्रयास चल रहा है। लेकिन शारीरिक शिक्षकों की समस्याओं के बारे में वे सिर्फ आश्वासन ही दे पाए। जब उनसे पूछा गया कि देश भर में शारीरिक शिक्षक बेरोजगारी के शिकार हैं और कई एक की कोरोना काल में नौकरी चली गई, उनके बारे सरकार का क्या नजरिया है? श्री यादव ने इतना ही कहा कि यह गंभीर मसला है। सरकार शारीरिक शिक्षकों से सहानुभूति रखती है और उनको रोजगार देने के लिए प्रयासरत है।

   श्री यादव ने एक खास जानकारी देते हुए कहा कि उनकी सरकार 700 करोड़ की लागत  से मेरठ में एक बृहद खेल विश्वविद्यालय बना रही है, जो कि भविष्य में प्रदेश और देश के खेलों के विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा।

   खेल मंत्री ने स्पोर्ट इंडिया कॉन्फ्रेंस के संस्थापक और प्रमुख स्वदेश कुमार और पेफी के राष्ट्रीय सचिव पियूष जैन के प्रयासों को सराहा और कहा कि उनकी सरकार कॉन्फ्रेंस की मूल भावना के महत्वपूर्ण पहलुओं को  सम्मान देगी।

  

दिन के अन्तिम सत्र में पेफी अवार्ड यूपी सरकार के ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर  द्वारा बांटे गए। उन्होंने वरिष्ठ खेल पत्रकार राजेंद्र सजवान द्वारा संचालित ‘खेल संस्कृति के विकास में संस्थानों की भूमिका’ शीर्षक से आयोजित पैनल डिस्कशन में अपने विचार रखे। इस विमर्श में डॉक्टर एके बंसल, राज जी चौधरी, डॉक्टर पूनम कुमार मेंदीरत्ता और आशीष कुमार ने भी विचार व्यक्त किए और माना कि देश में खेल संस्कृति की जड़ें मजबूत हो रही हैं।

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