क्या बाला देवी से सीख लेंगी भारतीय युवा फुटबालर

नयी दिल्ली। भारतीय फुटबाल टीम की फारवर्ड बाला देवी पूरी तरह से इस खेल के लिये समर्पित हैं और यही वजह है कि उन्हें स्काटलैंड के शीर्ष क्लब रेंजर्स एफसी की तरफ से खेलने का मौका मिला। वह रेंजर्स एफसी की तरफ से खेलने वाली पहली एशियाई फुटबालर बन गयी हैं।
उन्होंने पिछले साल नवंबर में रेंजर्स के लिये ट्रायल्स दिया था और इसके बाद ही उनका इस क्लब के लिये चयन हो पाया। रविवार को उन्होंने इस क्लब के लिये अपना पहला मैच खेला। वह स्कॉटलैंड की शीर्ष लीग में हर्ट्स वुमेन एफसी पर रेंजर्स एफसी की 5-1 की जीत के दौरान दूसरे हाफ में स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में उतरीं।
यह भारतीय महिला फुटबाल के लिये बड़ी उपलब्धि है लेकिन क्या बाकी खिलाड़ी बाला देवी से सीख ले पाएंगी। इसके लिये अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ को भी प्रयास करने होंगे। उसे महिला फुटबाल को बढ़ावा देने के लिये नयी योजनाएं लागू करनी होंगी। उसे युवा प्रतिभाओं को तलाशने के लिये गांवों में जाना होगा और उन्हें तराशने के लिये अपनी तरफ से प्रयास करने होंगे।
बाला देवी ने करार होने के बाद उम्मीद व्यक्त की थी कि उनके रेंजर्स की तरफ से खेलने पर देश की लड़कियां इस खेल को अपनाने के लिये प्रेरित होंगी। बाला देवी ने कहा था, ‘‘मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन दुनिया के सबसे बड़े क्लबों में से एक के लिए यूरोप में फुटबॉल खेल पाऊंगी। मुझे उम्मीद है कि रेंजर्स के साथ मेरा यह करार भारत में फुटबॉल को पेशे के तौर पर अपनाने और इसमें बड़ा करने की चाह रखने वाली हजारों लड़कियों को प्रेरित करेगा।’’
बाला देवी का यह सपना तभी पूरा हो पाएगा जब इसके लिये संबंधित संस्था और अधिकारी भी प्रयास करेंगे।
अगर बाला देवी की बात करें तो 2 फरवरी 1990 में मणिपुर के विष्णुपुर जिले के इरेंगबम में पैदा हुईं बाला देवी 10 साल की उम्र से फुटबॉल खेल रही हैं। जिस उम्र में उनके साथ की लड़कियां गुड्डे-गुड़िया का खेल खेल रही थीं, तब वह अपने मुहल्ले के लड़कों के साथ फुटबॉल में दो-दो हाथ करने के लिए मैदान में पसीना बहाती थी।
बाला देवी के पिता ने सबसे पहले उनकी प्रतिभा को देखा और उन्हें औपचारिक ट्रेनिंग के लिए इरेंगबम अकादमी भेज दिया। इसके बाद बाला देवी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और केवल 15 साल की उम्र में भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रही। मतलब वह पिछले 15 साल से अंतरराष्ट्रीय फुटबाल खेल रही हैं।
बाला देवी ने भारतीय अंडर-16 टीम की तरफ से तीन मैच खेलकर पांच गोल किये। उन्होंने अंडर-19 टीम से भी आठ मैच खेले और पांच गोल दागे। बाला देवी अब तक भारत की तरफ से अब तक 80 मैच खेल चुकी हैं जिनमें उन्होंने 65 गोल किये हैं। वह 2015 और 2016 में एआईएफएफ की वर्ष की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुनी गयी थी।
भारत में फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप होना है। बाला देवी की उपलब्धि यह प्रतियोगिता भारतीय महिला फुटबाल के लिये टॉनिक का काम कर सकती है।