थैंक्यू कोच साहब, आपने मुझे इस काबिल बनाया: दिलीप टिर्की

  • हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और तीन बार के ओलम्पियन पूर्व राज्यसभा सांसद दिलीप टिर्की ने पेफी के अवार्ड फंक्शन में अपनी कामयाबी का श्रेय अपने द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच अजय बंसल को दिया
  • पेफ़ी की अवार्ड कमेटी के सदस्य श्री बंसल को विश्वास है कि दिलीप के हॉकी इंडिया अध्यक्ष बनने से देश की हॉकी में निखार आएगा क्योंकि उसके पास लंबा अनुभव है और खेल की बारीकियों को बखूबी समझता है
  • पेफ़ी के राष्ट्रीय सचिव पीयूष जैन, अध्यक्ष कोठारी, अवार्ड कमेटी के चीफ डॉक्टर उप्पल और पूरी टीम को दिलीप ने बधाई देते हुए कहा कि देश में खेल और शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने में यह संगठन बड़ा काम कर रहा है

राजेंद्र सजवान

“शुरुआती वर्षों में मैं फॉरवर्ड बनना चाहता था लेकिन कोच की मेहरबानी से कामयाब फुल बैक बन गया,” हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और विश्व हॉकी में सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का रिकॉर्ड रखने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद दिलीप टिर्की ने पेफी (फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया) के अवार्ड फंक्शन में अपनी कामयाबी का श्रेय अपने कोच को दिया।

 

   पेफ़ी के अवार्ड फंक्शन में दिलीप मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। संयोग से उनके कोच द्रोणाचार्य अवॉर्डी अजय बंसल में उनके सम्मुख थे। दिलीप ने बताया कि सब-जूनियर स्तर पर वह अग्रिम पंक्ति में खेलते थे। एक दिन रक्षापंक्ति का खिलाड़ी गैर हाजिर था और कोच साहब के कहने पर उस पोजीशन पर खेलने की चुनौती स्वीकार ली। शायद भाग्य में यही लिखा था और देखते ही देखते रक्षापंक्ति का नियमित खिलाड़ी बन गया। दिलीप ने कोच की तरफ इशारा करते हुए कहा, “थैंक्यू सर, आपने मुझे सही राह दिखाई।”

 

  पेफ़ी की अवार्ड कमेटी के सदस्य श्री बंसल ने दिलीप को निहायत ईमानदार और शालीन खिलाड़ी बताया और कहा कि उसने अपनी व्यवहार कुशलता, अनुशासन और कठिन परिश्रम से कामयाबी पाई है। उन्हें विश्वास है कि दिलीप के हॉकी इंडिया अध्यक्ष बनने से देश की हॉकी में निखार आएगा क्योंकि उसके  पास लंबा अनुभव है और खेल की बारीकियों को बखूबी समझता है।

 

  तीन ओलम्पिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले और भारतीय टीम का नेतृत्व देने वाले दिलीप ने हॉकी इंडिया का शीर्ष पद थामने के बाद भारतीय हॉकी में नए प्रयोग शुरू कर दिए हैं। अपने गृह प्रदेश उड़ीसा में खेल के लिए अंतरराष्ट्रीय टर्फ  बिछाने से लेकर उभरते बच्चों को हजारों की तादात में हॉकी स्टिक बांटने के उनके प्रयासों की प्रशंसा हुई है। एशियाई खेलों और ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन कैसा रहेगा, इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों में हमारी महिला और पुरुष टीमें गोल्ड की दावेदार हो सकती हैं लेकिन ओलम्पिक अभी दूर है और उसके लिए अलग तरह की तैयारी करनी होगी। कारण, ओलम्पिक में ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, हॉलैंड, इंग्लैंड, स्पेन जैसे देश कड़ी चुनौती देने वाले हैंl दिलीप के अनुसार, बेल्जियम और अर्जेंटीना उनके समय में आसान शिकार थे लेकिन इन देशों ने अपने खेल को पूरी तरह बदल दिया है।

 

पेफ़ी द्वारा भूले-बिसरे कोचों, शारीरिक शिक्षकों और खेल और शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रशंसनीय काम करने वालों को सम्मानित करने को उन्होंने शानदार बताया। पेफ़ी के राष्ट्रीय सचिव पीयूष जैन, अध्यक्ष कोठारी, अवार्ड कमेटी के चीफ डॉक्टर उप्पल और पूरी टीम को दिलीप ने बधाई दी और कहा कि देश में खेल और शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने में उनका संगठन बड़ा काम कर रहा है।

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