India vs England eyes on the finals of the World Test Championship

भारत और इंग्लैंड : निगाहें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल पर

चेन्नई। भारत और इंग्लैंड के बीच शुक्रवार से चेन्नई में जब चार टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू होगी तो दोनों टीमों की निगाहें इसमें जीत दर्ज करने के अलावा विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल पर भी टिकी रहेंगी।

भारतीय टीम आस्ट्रेलिया में मुश्किल हालात में जीत दर्ज करके लौटी है। वह उत्साह से भरी है और कप्तान विराट कोहली की वापसी से उसकी बल्लेबाजी को मजबूती मिली है। इंग्लैंड भी श्रीलंका में दो मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप करके लौटी है।

भारत और इंग्लैंड जून में लार्ड्स में होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने के दावेदार हैं। आस्ट्रेलिया के दक्षिण अफ्रीकी दौरा स्थगित करने से न्यूजीलैंड पहले ही फाइनल में पहुंच चुका है। अभी भारत दौड़ में सबसे आगे है लेकिन वह फाइनल में तभी पहुंच पाएगा जबकि वह इंग्लैंड को कम से कम 2-0 या 2-1 के अंतर से हराये। इंग्लैंड तो कम से कम 3-0 या 3-1 से जीत दर्ज करनी होगी।

भारत को अपनी सरजमीं पर खेलने का फायदा मिलेगा लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इंग्लैंड ने 2012 में सीरीज जीतकर उसका भ्रम तोड़ दिया था। रूट ने जिस तरह से श्रीलंका में जिस तरह से बल्लेबाजी की उससे लगता है कि वह भारतीय स्पिनरों की चुनौती के लिये तैयार हैं। बेन स्टोक्स की वापसी से उसकी टीम को भी मजबूती मिली है।

इंग्लैंड के पास विश्वस्तरीय आक्रमण है तो भारतीय आक्रमण भी मजबूत है। जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड और जोफ्रा आर्चर भारतीय बल्लेबाजों की परीक्षा लेने के लिये तैयार हैं लेकिन उसका स्पिन आक्रमण अनुभवहीन है।

भारतीय टीम में जसप्रीत बुमराह और इशांत शर्मा की वापसी हुई है जबकि स्पिन विभाग में रविचंद्रन अश्विन और कुलदीप यादव का खेलना तय है। अगर भारत तीन स्पिनरों के साथ उतरता है तो अक्षर पटेल को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिल सकता है।

भारतीय बल्लेबाजी इंग्लैंड की तुलना में मजबूत नजर आती है। शीर्ष क्रम में रोहित शर्मा, शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा हैं जिन्होंने आस्ट्रेलिया दौरे में शानदार प्रदर्शन किया। रोहित घरेलू धरती पर फिर से बड़ी पारी खेलने की कोशिश करेंगे तो गिल अपनी अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलना चाहेंगे। पुजारा अनुकूल माहौल में लंबी पारी खेलने के साथ बड़ा स्कोर भी बनाना चाहेंगे।

मध्यक्रम में कप्तान कोहली, उप कप्तान अजिंक्य रहाणे और ऋषभ पंत हैं जो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण पर हावी होकर खेल सकते हैं। कोहली विश्राम के बाद धमाकेदार वापसी करना चाहेंगे।

इंग्लैंड की बल्लेबाजी रूट और स्टोक्स के इर्द गिर्द घूमेगी। ये दोनों स्पिनरों को खेलने में अनुभवी हैं और भारत के लिये उसी तरह से सरदर्द बन सकते हैं जैसे 2012 में केविन पीटरसन बने थे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *