BFI Election

BFI Election:मैरी कॉम के पंच से नॉक आउट हुए शेलार!

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान

राजेंद्र सजवान

मैरी कॉम सचमुच गज़ब की चैंपियन हैं। हालांकि उसने विश्व स्तर पर अनेक यादगार मुकाबले जीते हैं लेकिन मुक्केबाजी फेडरेशन के चुनाव में उसका एक अदृश्य पंच निर्णायक साबित हुआ। चुनाव से कुछ घंटे पहले जमाए पंच ने ऐसा कमाल दिखाया कि जीत का दावा कर रहे मुम्बई के भाजपा नेता आशीष शेलार चारों खाने चित हो गए।

अर्थात स्पाइस जेट के चेयरमैन अजय सिंह भारतीय मुक्केबाजी संघ(बी एआई) के अध्यक्ष पद पर बने रहेँगे। आशीष शेलार को 27 के मुकाबले 37 मतों से परास्त कर उन्होंने तमाम अटकलबाजियों पर विराम लगाते हुए मुक्केबाजों के बीच अपनी लोकप्रियता को एकबार फिर से साबित कर दिखाया। असम के हेमंत कुमार कलिता नये सचिव चुने गए, जोकि शेलार खेमे को समर्थन देने वाले पूर्व सचिव जे कोहली का स्थान लेंगे।

उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले छह बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक पदक विजेता मैरी कॉम ने अजय सिंह के समर्थन में बयान दिया था और कहा कि अजय सिंह के अध्यक्ष रहते भारतीय मुक्केबाजों ने लगातार प्रगति की है। मैरी कॉम ने खुल कर अपने अध्यक्ष का समर्थन किया और कहा कि उन्हें एक और मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि उनके पद पर रहते नौ भारतीय मुक्केबाज टोक्यो ओलंपिक का टिकट पा चुके हैं।

मुम्बई की क्रिकेट में बड़ी भूमिका निभाने वाले शेलार ने सप्ताह भर पहले दावा किया था कि उनके साथ 70 फीसदी से ज्यादा सदस्य हैं। खासकर , अजय सिंह से अलग हुए सचिव जे कोहली का समर्थन पाकर उन्हें लगा कि फेडरेशन का शीर्ष पद कब्जाना उनके लिए आसान रहेगा। लेकिन सारे समीकरण धरे के धरे रह गए। भले ही कुछ वोटरों ने उनका साथ दिया लेकिन मैरी कॉम के घोषित समर्थन ने अजय सिंह का काम आसान कर दिया।

अजय सिंह ने एकबार फिर दोहराया कि उभरते मुक्केबाजों को बढ़ावा देना जारी रखेंगे। वह चाहते हैं कि हर भार वर्ग में कम से कम चार मुक्केबाज हर वक्त तैयार रहें। ओलंपिक में अधिकाधिक पदक हासिल करने पर उनका जोर रहेगा।

हालांकि खेल हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि मैरी कॉम का कदम खेल मूल्यों के अनुरूप नहीं है। बतौर एक खिलाड़ी उन्हें फेडरेशन की राजनीति में नहीं कूदना चाहिए था। कुछ असंतुष्टों के अनुसार वह राज्य सभा सांसद भी हैं और उनसे सदन और खेल की गरिमा बचाए रखने की उम्मीद की जाती है। खासकर, वोटिंग से चंद घंटे पहले दिए बयान की निंदा भी की जा रही है।

भले ही हारने वाले कोई भी बहाना बनाएं लेकिन यह सच है कि मैरी कॉम ने अपने मुक्कों के दम पर बड़े बड़ों को नॉकआउट कर दिया है। यदि सब कुछ ठीक ठाक चलता रहा तो वह रिंग से हटने के बाद फेडरेशन के शीर्ष पद की दावेदार हो सकती हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *