Joe Root's double century

रूट का दोहरा शतक, भारतीयों ने दूसरे दिन भी किया संघर्ष

चेन्नई। इंग्लैंड के कप्तान जो रूट पहली पारी में 600 से लेकर 700 रन बनाना चाहते हैं और उनकी टीम पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन इस लक्ष्य के करीब पहुंचने में सफल रही। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने दूसरे दिन भी भारतीय गेंदबाजों को संघर्ष करने के लिये मजबूर किया।

इंग्लैंड ने आठ विकेट पर 555 रन बनाये हैं। रूट ने 218 रन की पारी खेली जो अपने 100वें टेस्ट मैच में किसी बल्लेबाज का सर्वोच्च स्कोर है। बेन स्टोक्स ने 82 रन की उम्दा पारी खेली। रूट और स्टोक्स ने 124 रन जोड़कर सुबह के सत्र में भारतीय गेंदबाजों को सफलता से दूर रखा।

इसके बाद ओली पोप (34) और जोस बटलर (30) ने उपयोगी योगदान दिया जबकि डॉम बेस अभी 28 रन पर खेल रहे हैं। उनके साथ दूसरे अविजित बल्लेबाज जैक लीच ने छह रन बनाये हैं।

भारतीय गेंदबाजों ने पहले दिन की तुलना में अच्छी गेंदबाजी की। उन्होंने आसानी से रन नहीं दिये और बीच में कई अवसरों पर इंग्लैंड के बल्लेबाजों को रन बनाने के लिये संघर्ष भी करना पड़ा।

शाहबाज नदीम और वाशिंगटन सुंदर की कल की तुलना में आज बेहतर गेंदबाज नजर आए। नदीम ने स्टोक्स और रूट के महत्वपूर्ण विकेट लिये। इशांत शर्मा ने बेहद नियंत्रित गेंदबाजी की और दो विकेट भी हासिल किये। जसप्रीत बुमराह ने दबाव बनाया लेकिन वह कल के अपने दो विकेटों में कोई इजाफा नहीं कर पाये। रविचंद्रन अश्विन को भी दो विकेट मिले हैं।

लेकिन रूट एंड कंपनी की प्रशंसा करनी होगी जिसने दिन के विषम क्षणों में बेहतर प्रदर्शन किया और लगातार दूसरा दिन अपने नाम किया। रूट के लिये विराट कोहली ने हर तरह का आक्रमण आजमाया लेकिन बेहतरीन फार्म में चल रहे इस बल्लेबाज पर कोई असर नहीं पड़ा। सुबह के सत्र में स्टोक्स ने रन बनाने का मुख्य जिम्मा उठाया।

उनकी बल्लेबाजी देखकर लगा कि वह भारतीयों के लिये उसी तरह से परेशानी बन सकते हैं जैसे 2012 में केविन पीटरसन बने थे। रूट ने अपनी किताबी पारी आगे बढ़ायी। स्पिनरों को कैसे खेलना चाहिए, कोई भी युवा बल्लेबाज इसकी सीख रूट की पारी से ले सकता है। उन्होंने अपनी इस पारी में 377 गेंदें खेली तथा 19 चौके और दो छक्के लगाये। स्टोक्स की पारी में 10 चौके और तीन छक्के शामिल हैं। यह सीरीज विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

भारत कम से कम 2-0 या 2-1 से जीत दर्ज करने पर ही फाइनल में पहुंच पाएगा लेकिन इस तरह की सपाट पिचों पर खेलने से उनका मंतव्य हल नहीं होगा। इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने जिस तरह से स्पिनरों का डटकर सामना किया है उसे देखकर तो यही लगता है कि भारत को अपनी रणनीति बदलनी होगी।

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