छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम और गत चैंपियन अमित पंघाल उन सात भारतीय मुक्केबाजों में शामिल हैं, जो दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में खेलेंगे।
पूजा रानी (75 किग्रा), अनुपमा (+81 किग्रा) और लालबुतसाही (64 किग्रा) के साथ ओलंपिक पदक विजेता अनुभवी मैरी कॉम रविवार को अपने-अपने अंतिम मुकाबले खेलेंगी जबकि पुरुष वर्ग में पंघल, अब तक इस टूर्नामेंट में पांच पदक अपने नाम कर चुके शिवा थापा (64 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) सोमवार को एक्शन में होंगे।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भारतीय दल ने पहले ही अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए 15 पदक अपने नाम कर लिए हैं। यह इस चैम्पियनशिप में उसका अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन है। बैंकाक में 2019 में भारत ने 13 पदक (2 स्वर्ण, 4 रजत और 7 कांस्य) जीते थे और तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था।
इस साल की खास बात यह है कि चैम्पियनशिप की पुरस्कार राशि में भारी इजाफा किया गया है। इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) ने इस चैंपियनशिप के लिए 4,00,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि आवंटित की है।
पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा।
मैरी कोम सातवीं बार एशियाई चैम्पियनशिप में खेल रही हैं और वह अपने छठे स्वर्ण पदक के लक्ष्य के साथ 51 किग्रा फाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन कज़ाख मुक्केबाज नाज़िम क्याज़ैबे की कड़ी चुनौती का सामना करेंगी। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं एक अन्य भारतीय पूजा रानी, जिन्हें सेमीफाइनल में वॉक-ओवर मिला था, का सामना उज़्बेकिस्तान की मावलुदा मोवलोनोवा से होगा।
मावलुदा ने अंतिम -4 में लंदन ओलंपिक में पदक जीतने वाली मरीना वोल्नोवा की चुनौती को समाप्त किया था। दूसरी ओर, लालबुत्साई और अनुपमा को भी अपने-अपने भार वर्ग के फाइनल में मजबूत कजाख मुक्केबाजों का सामना करना होगा।
पुरुषों के वर्ग में एशियाई खेलों के चैम्पियन पंघल सोमवार को स्वर्ण पदक के मैच में रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन के खिलाफ खेलते हुए अपने खिताब की रक्षा करने की कोशिश करेंगे।
असम के मुक्केबाज थापा, जो लगातार पांच पदक के साथ चैंपियनशिप में संयुक्त रूप से सबसे सफल पुरुष मुक्केबाज रहे हैं, को एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग की चुनौती स्वीकार करनी होगी। दूसरी वरीयता प्राप्त संजीत का सामना रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता वासिली लेविट से होगा, जो एशियाई चैंपियनशिप के अपने चौथे स्वर्ण पदक का लक्ष्य लेकर रिंग में उतरेंगे।
आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इन सबने देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया है।
उल्लखनीय है कि भारत, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी राष्ट्रों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाजों ने इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया।
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