Hima Das and Duti Chand flop show in Federation Cup Senior National Championship

दुति और हिमा का फ्लॉप शो!

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान

टोक्यो ओलम्पिक हो पाएँगे या कोविद के शिकार बन जाएँगे, कुछ भी तय नहीं हो पाया। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी और मेजबान जापान अपनी पूरी ताक़त के साथ खेलों की संभावनाओं को साकार करने में लगे हैं। दुनिया भर के खिलाड़ी भी खाली नहीं बैठे हैं। तमाम सुरक्षा के साथ सभी देशों के खिलाड़ी निर्णायक तैयारी में जुटे हैं। हालाँकि भारत में कोराना फिर से सिर उठा रहा है लेकिन सभी खेलों से जुड़े खिलाड़ी अहतियात के साथ अपनी तैयारियों को निर्णायक रूप दे रहे हैं और साथ साथ बहाने भी खोजे जा रहे हैं। प्रमुख बहानेबाजों में हमारी कुछ प्रमुख महिला एथलीट भी शामिल हैं।

पिछले दिनों दिल्ली मैराथन के चलते भारतीय एथलेटिक फ़ेडेरेशन ने उम्मीद जतलाई थी कि उसके बहुत से एथलीट टोक्यो का टिकट पाने में सफल रहेंगे। हालाँकि एथलीट पहले भी बड़े दल बल के साथ ओलम्पिक यात्रा पर जाते रहे हैं पर भारत इस खेल में आज तक अपना ख़ाता नहीं खोल पाया है। पीटी उषा , मिल्खा सिह और कुछ अन्य ने चौथे स्थान के साथ देश का गौरव बढ़ाया, यह हम सब जानते हैं लेकिन कोई भारतीय एथलीट ओलम्पिक पदक तालिका में भारत का ख़ाता खोलेगा, इस सवाल का जवाब कोई भी देने में समर्थ नहीं है।

उषा और मिल्खा के रिकार्डों पर गर्व करने वाले देश के लिए एक बड़ी खुश खबरी यह आई है कि जेवलिन थ्रो में भारतीय उम्मीद नीरज चोपड़ा 88.07 के राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ टोक्यो ओलम्पिक का टिकट पा चुके हैं और उनके बाद लांग जम्पर मुरली श्रीशंकर ने 8.26 की कूद मारकर ओलम्पिक में भाग लेने का हक पा लिया है।

उनके अलावा वाकर केटी इरफ़ान, संदीप कुमार, राहुल रोहिल्ला, भावना जाट और प्रियंका गोस्वामी, 3000 मीटर सटीपल चेज में अविनाश साबले और 4गुना 400 मीटर मिक्स्ड रिले टीम तथा जेवलिन थ्रो में शिवपाल सिंह भी क्वालीफ़ाई कर चुके हैं। हो सकता है कई और एथलीट टोक्यों का टिकट पा जाएँ। जैसा कि हमेशा होता आया है, एथलेटिक का भारी भरकम दल एन मौके पर उड़ान भर सकता है।

लेकिन जिन महिलाओं को कुछ माह पहले तक सिर आँखों बैठाया जा रहा था जिन्हें उच्च पद और सम्मान बाँटे जा रहे थे उनका क्या हाल है, कोई भी पूछने का साहस नहीं जुटा पा रहा। जी हां, बात हिमा दास और दुति चन्द की हो रही है। लॉक डाउन से कुछ पहले दोनों महिला एथलीटों ने देश विदेश में खूब रिकार्ड तोड़े, खिताब जीते लेकिन आज आलम यह है कि उनकी ओलम्पिक भागीदारी पर ख़तरा मंडरा रहा है। फ़ेडेरेशन कप सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में 100 मीटर की फर्राटा धावक दुति चन्द को तमिलनाडु की धंनक्ष्मी ने पछाड़ दिया तो बेवजह सौ मीटर में घुसपैठ करने वाली हिमा को ग़लत स्टार्ट के लिए डिसक्वालिफाइ कर दिया गया।

400 मीटर से सौ मीटर में शिफ्ट हुई हिमा दास और दुति के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी भी चल रही है। फिलहाल इतना तय है कि महिला एथलीटों की तैयारी पर्याप्त नहीं है। ऐसे में पदक का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। अभी तो उन्हें टोक्यो का टिकट हासिल करना बाकी है, जोकि आसान नहीं लगता।

यदि दुति और हिमा इस बार कसौटी पर खरी नहीं उतरतीं तो उन पर सरकार का किया जा रहा खर्च व्यर्थ जाएगा, जोकि देश के खेल प्रेमियों के साथ विश्वासघात होगा।

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