Now the world will see the edge of the Indian sword Rajeev Mehta

अब भारतीय तलवार की धार देखेगी दुनिया: राजीव मेहता

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान

अक्सर कहा सुना जाता है कि भारत युगों से योद्धाओं का देश रहा है, जिनके लिए तलवार हमेशा से मान सम्मान और बहादुरी का परिचायक रही है। लेकिन आणविक हथियारों के दौर में तलवार की धार पर युद्ध जीतना आसान नहीं रह गया है।फिरभी तलवारबाजी का चलन आज भी बरकरार है और एक खेल के रूप में यह युद्ध कला ओलम्पिक खेल के रूप में खासी चर्चित है।

आपने चडलावदा आनंद सुंदरारमन भवानी देवी का नाम तो सुना ही होगा। वही भवानी जिसने टोक्यो ओलम्पिक में भले ही पदक नहीं जीता लेकिन अपनी तलवार की चमक से भारत को इस खेल में पहचान दिलाई। वह चर्चा में तब आई जब उसने टोक्यो ओलम्पिक में भारत के लिए पहला मुकाबला जीता।

Rajeev Mehta Indian sword

हालाँकि उसे दूसरे मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा लेकिन तुरंत बाद जब उसने फ्रांस में चार्लेविले टूर्नामेंट में भारतीय तलवार की चमक दिखाई तो फेंसिंग में ऐसा करिश्मा करने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाडी बनी, जिसे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहा और सरकार ने उसे अर्जुन अवार्ड से नवाजा|

भवानी के नक़्शे कदम पर चलते हुए अब एक और कम उम्र महिला फेंसर 18 वर्षीय तनिक्षा खत्री सुर्ख़ियों में है। दोहा ग्रांड प्रिक्स में भाग लेने गई भारतीय पुरुष और महिला टीमों के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए भविष्य के लिए उम्मीद बंधी है।

पुरुष टीम में चिन्घम जेटली सिंह, सुनील कुमार, अशोक दुधारे, शुभम, शेरजिन, शंकर पांडे, संतोष सिंह, उदय वीर सिंह और महिला टीम में तनिक्षा खत्री, कविता देवी, जोतिका दत्ता, ग्रीष्मा, लगन जिंदल, नाज़िया, काशवी गर्ग और प्रज्ञा सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और सभी ने ख़ूब वाह वाह लूटी।

भारतीय फेंसिंग एसोसिएशन और भारतीय ओलम्पिक समिति के महासचिव राजीव मेहता के अनुसार फेंसिंग में भारतीय खिलाडियों के 20 सदस्य दल में शामिल सभी 16 खिलाडियों ने शानदार प्रदर्शन किया और भविष्य की उम्मीद जगाई है। खासकर, हरियाणा की उभरती फेंसर तनिक्षा खत्री ने विश्व स्तरीय प्रतिद्वंद्वियों पर जीत दर्ज कर अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इटली और फ़्रांस की ऊंची रैंक की तलवारबाजों को हराने में उसे कामयाबी मिली।

तनिक्षा को 41वीं सीड प्राप्त थी पर उसने फ़्रांस की आठवीं रैंक आंद्रे पर जीत दर्ज कर बड़ा धमाका किया। राजीव मेहता का मानना है कि पेरिस ओलम्पिक से पहले इस साल होने वाले एशियाई खेलों में भवानी और तनिक्षा भारत के लिए पदक कि बड़ी उम्मीद बन कर उभरी हैं। उन्हें भरोसा है कि आने वाले दिनों में भारतीय तलवार जलवे दिखाएगी।

भारतीय महिला टीम के कोच दीपक सिंह पटियाल के अनुसार भारतीय खेल प्राधिकरण के सहयोग और समर्थन से प्रदर्शन सुधर रहा है। उन्हें उम्मीद है कि पेरिस ओलम्पिक में दो से चार तलवारबाज देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

पटियाल ने फेडरेशन महासचिव राजीव मेहता के प्रयासों को सराहा और कहा कि कल तक जो खेल लगभग उपेक्षित पड़ा था उसकी पहचान बढ़ी है, जिसका बड़ा श्रेय सर राजीव मेहता के प्रयास एवम भवानी और तनिक्षा के प्रदर्शन को जाता है।

राजीव मेहता मानते हैं कि भारतीय तलवार की धार पैनी हो रही है। फिलहाल एशिया महाद्वीप में चीन जापान और कोरिया से निपटना होगा। तत्पश्चात फ़्रांस, इटली, अमेरिका जैसे देशों से पार पाने में वक्त लगेगा लेकिन हमारे फेंसर लगातार बेहतर कर रहे हैं। आगामी एशियाई खेलों में कोई पदक जीत पाए तो बड़ी उपलब्धि होगी, जिसका बेसब्री से इन्तजार है।

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